loader
प्रतीकात्मक तस्वीर।

लाल सागर में हूती ड्रोन से 25 भारतीयों वाले तेल टैंकर पर हमला, सभी सुरक्षित: नौसेना

भारत आ रहे एक कच्चे तेल के टैंकर पर लाल सागर में ड्रोन से हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट के बाद भारतीय नौसेना ने हमले की पुष्टि की है। भारतीय नौसेना ने कहा कि 25 भारतीयों को लेकर जा रहा एक तेल टैंकर लाल सागर में यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा दागे गए ड्रोन की चपेट में आ गया।

नौसेना के अधिकारियों ने कहा कि टैंकर, एमवी साईबाबा, गैबॉन के स्वामित्व वाला है और भारतीय ध्वज वाला जहाज नहीं है। अमेरिकी सेना ने पहले कहा था कि भारत जा रहा भारतीय झंडे वाला एक कच्चे तेल का टैंकर लाल सागर में यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा दागे गए एक हमलावर ड्रोन की चपेट में आ गया। अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने एक्स पर कहा था उस हमले में किसी के घायल होने की सूचना नहीं दी। इसने दो जहाजों पर ऐसे हमले की रिपोर्ट दी।

दो जहाजों ने दक्षिणी लाल सागर में गश्त कर रहे अमेरिकी नौसैनिक जहाज को बताया था कि उन पर हमला हो रहा है। सेंटकॉम ने कहा कि अमेरिकी युद्धपोत लैबून ने ड्रोन हमले के संकट वाले कॉल का जवाब दिया। पहले सेंटकॉम ने कहा था कि एमवी साईबाबा एक भारतीय ध्वज वाला कच्चा तेल टैंकर था, लेकिन अब भारतीय नौसेना ने इससे इनकार कर दिया है।

अमेरिकी सेना ने दक्षिणी लाल सागर में अमेरिकी विध्वंसक की ओर बढ़ रहे चार ड्रोनों को मार गिराया। इसने कहा कि यमन के हूती-नियंत्रित क्षेत्रों से लॉन्च किया गया था। सेंटकॉम ने एक्स पर कहा, 'ये हमले 17 अक्टूबर के बाद से हूती आतंकवादियों द्वारा वाणिज्यिक शिपिंग पर 14वें और 15वें हमले हैं।'

ताज़ा ख़बरें
इसमें कहा गया है, 'यमन के हूती-नियंत्रित क्षेत्रों से दक्षिणी लाल सागर में अंतरराष्ट्रीय शिपिंग लेन में दो हूती जहाज-रोधी बैलिस्टिक मिसाइलें भी दागी गईं।' उन्होंने कहा कि बैलिस्टिक मिसाइलों से किसी भी जहाज के प्रभावित होने की सूचना नहीं है।
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब एक ड्रोन ने गुजरात के तट पर इजराइल से जुड़े एक व्यापारिक जहाज पर हमला किया था। इस पर अमेरिका ने आरोप लगाया था कि इसे ईरान से दागा गया था। जहाज में लगभग 20 भारतीय चालक दल सवार थे और यह सऊदी अरब के अल जुबैल बंदरगाह से कर्नाटक के न्यू मैंगलोर बंदरगाह तक कच्चा तेल ले जा रहा था।
देश से और ख़बरें

यमन के अधिकांश हिस्से पर नियंत्रण रखने वाले ईरान समर्थित हूती ने लाल सागर के दक्षिणी छोर पर बाब अल-मंदब जलडमरूमध्य से गुजरने वाले जहाजों पर हमलों के साथ कई हफ्तों तक विश्व व्यापार को बाधित किया है। इस कार्रवाई को वे ग़जा में इजरायल के युद्ध की प्रतिक्रिया बताते हैं।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें