डॉक्टरों के शीर्ष संगठन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सरकार को चेतावनी दी है कि कोरोना की तीसरी लहर अवश्यंभावी है, लिहाज़ा, किसी तरह की ढिलाई न दी जाए और पर्यटन व तीर्थाटन जैसी चीजों पर कुछ समय के लिए रोक लगा दी जाए।
यह अहम है कि आईएमए ने यह बात ऐसे समय कही है जब उत्तर प्रदेश में काँवड़ यात्रा शुरू होने जा रही है और उत्तराखंड समेत कई राज्यों के पर्यटन स्थलों पर सैलानियों की भारी भीड़ उमड़ने लगी है।
डॉक्टरों की इस संस्था ने कहा है कि वह ऐसे नाजुक समय अधिकारियों के आत्मसंतुष्ट होने से परेशान है।
'तीर्थाटन टाल दें'
आईएमए ने कहा कि 'पर्यटन, तीर्थाटन और धार्मिक उत्साह, सबकुछ ठीक है, पर इन्हें कुछ समय के लिए टाला जा सकता है। धार्मिक अनुष्ठानों और उनमें बड़ी तादाद में लोगों के बेरोकटोक जाने की अनुमति देने से ये कार्यक्रम सुपर स्प्रेडर यानी कोरोना फैलाने के बड़े कारण बन सकते हैं।'
आईएमए ने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि स्वास्थ्य सेवा से जुड़े लोगों और राजनीतिक नेतृत्व के तमाम प्रयासों की बदौलत ही देश कोरोना महामारी की घातक दूसरी लहर से उबर पाया है, ऐसे में हमें 'लापरवाह' नहीं होना चाहिए।
इस संस्था ने यह भी कहा,
“
'उपलब्ध वैश्विक साक्ष्यों और किसी भी महामारी के इतिहास को देखते हुए कहा जा सकता है कि तीसरी लहर अपरिहार्य और क़रीब है। लेकिन यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश में ज़्यादतर हिस्सों में सरकार और लोग, आत्मसंतुष्ट हो गए हैं।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन
काँवड़ यात्रा पर अडिग यूपी सरकार
आईएमए का यह बयान ऐसे समय आया है जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काँवड़ यात्रा की तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। उनका कहना है कि पड़ोसी राज्यों से संवाद स्थापित कर कांवड़ यात्रा को पूरा किया जाए।
जिस उत्तराखंड में फ़िलहाल काँवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगा है उसके मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ योगी आदित्यनाथ की बातचीत हुई है। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार की अध्यक्षता में कुछ दिन पहले ही देहरादून में कांवड़ यात्रा को लेकर 8 राज्यों के पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक भी हुई थी।
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क्या कहा था हाई कोर्ट ने?
याद दिला दें कि बीते हफ़्ते ही उत्तराखंड हाई कोर्ट ने चारधाम यात्रा को लेकर अप्रैल महीने में सुनवाई के दौरान कहा था कि चारधाम यात्रा को एक और कुंभ नहीं बनने दिया जाएगा।
चारधाम पर हाई कोर्ट की ऐसी सख़्त टिप्पणी आ ही रही है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कांवड़ यात्रा को मंजूरी दे दी है और वह इस प्रयास में है कि उत्तराखंड सरकार भी इसके लिए साथ दे।
फ़िलहाल तो उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा पर पाबंदी लगी हुई है, लेकिन यह पाबंदी कब हट जाए यह भी नहीं कहा जा सकता है। तीसरी लहर से पहले कांवड़ यात्रा होने के बाद कहीं एक और संकट न आ जाए!
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कुंभ का आयोजन
ऐसे हालात में कुंभ का आयोजन किया गया था। ऐसा तब किया गया जब महामारी विज्ञानी और दूसरे विशेषज्ञ ऐसे आयोजनों में भीड़ इकट्ठा होने पर कोरोना के ख़तरे की चेतावनी दे रहे थे। लेकिन सरकार ने एक न मानी। कुंभ कराने के आयोजन को लेकर सरकार अड़ी रही।
इस पर हाई कोर्ट ने पाबंदी भी लगवाई और कहा कि जब तक व्यक्ति 72 घंटे पहले तक की कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट नहीं लाएगा उसे उत्तराखंड या हरिद्वार में घुसने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। लेकिन आरोप लगे कि उत्तराखंड सरकार इस फ़ैसले को भी ठीक से लागू कराने में विफल रही।
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