वेब सीरीज़ तांडव भी विवादों में फँस गई है। हिंदू की भावनाओं को ठेस पहुँचाने का आरोप लगा है। शिकायत है कि हर बार हिंदू देवी-देवताओं का अपमान किया जाता है। शिकायत करने वाले दक्षिणपंथी विचार वाली पार्टी बीजेपी के विधायक और सांसद हैं। और अब सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने इस पर अमेज़ॉन प्राइम से जवाब भी माँग लिया है। भारत में अमेज़ॉन प्राइम के अधिकारियों को तलब किया गया है।
दरअसल, बीजेपी के सांसद मनोज कोटक की आपत्ति है कि अमेज़ॉन प्राइम वीडियो पर रिलीज हुई वेब सीरीज तांडव ने कथित तौर पर हिंदू देवी-देवताओं का अपमान किया है। उन्होंने तो सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को ख़त लिख दिया। वेब सीरीज़ को लेकर महाराष्ट्र बीजेपी विधायक राम कदम को भी ऐसी ही आपत्ति है। उन्होंने सीरीज़ को बनाने वाले, अभिनेताओं और निर्देशक के ख़िलाफ़ शिकायत दी है। अक्सर विवादों में रहने वाले बीजेपी के एक और नेता कपिल मिश्रा ने भी इस सीरीज को हिंदू धर्म के ख़िलाफ़ नफ़रत फैलाने वाला क़रार दिया है।
वैसे, यह पहली बार नहीं है कि ओटीटी यानी ओवर द टॉप प्लेटफ़ॉर्म या फ़िल्मों पर हिंदू देवी-देवताओं को निशाना बनाए जाने का आरोप लगा है। इससे पहले हाल ही में नवंबर महीने में 'ए सूटेबल ब्वॉय' को लेकर ऐसी ही आपत्ति की गई थी। इस मामले में ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म नेटफ्लिक्स के ख़िलाफ़ मध्य प्रदेश के रिवा ज़िले में एफ़आईआर दर्ज कराई गई थी। ख़ुद को संस्कृति के स्वयंभू रक्षक मानने वालों को आपत्ति उस दृश्य पर थी जिसमें एक लड़का और लड़की को मंदिर में किस करते दिखाया गया था।
बहरहाल, बीजेपी विधायक राम कदम ने तांडव सीरीज़ में ऐसे दृश्यों का ज़िक्र किया है जिसमें उन्होंने कहा कि भगवान शिव का मजाक उड़ाया गया है और उन्हें हटाने की मांग की। उन्होंने यह भी माँग की कि सीरीज़ में एक अन्य अभिनेता मोहम्मद जीशान अय्यूब माफी मांगें।
कदम ने अमेज़ॉन प्राइम और नेटफ्लिक्स जैसे ओटीटी द्वारा स्ट्रीम की गई सामग्री की समीक्षा के लिए सेंसर बोर्ड गठित करने के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का आह्वान किया।
विधायक ने ट्वीट किया, 'फिल्मों और वेब सीरीज में हर बार हिंदू देवी-देवताओं का अपमान क्यों किया जाता है? तांडव सीरीज़ इसकी ताज़ा मिसाल है (और) सैफ अली ख़ान एक बार फिर ऐसी फ़िल्म या सीरीज़ का हिस्सा हैं जिसमें हिंदू भावनाओं को चोट पहुँचाई गई है।'
Hindu God Shiva. Actor Mohd Zeeshan Ayyub needs to apologise and Tandav should be boycotted until necessary changes are made. #BoycottTandav
— Ram Kadam - राम कदम (@ramkadam) January 17, 2021
उन्होंने आगे कहा, 'शिव का मजाक उड़ाने वाले (दृश्यों) को हटाना होगा। अभिनेता जीशान अयूब और निर्देशक अली अब्बास जफर को माफी मांगनी होगी। जब तक जरूरी बदलाव नहीं किए जाते हैं, तब तक 'तांडव' का बहिष्कार किया जाएगा।'
बीजेपी के एक अन्य नेता कपिल मिश्रा ने भी इस सीरीज़ की आलोचना की। ये वही कपिल मिश्रा हैं जिनकी दिल्ली दंगे से पहले कथित तौर पर भड़काऊ बयान को लेकर आलोचना की जाती रही है। उन्होंने शनिवार को ट्वीट किया, 'चूँकि यह दिन ख़त्म होने को आया... हमारे धर्म और हमारे देवताओं के ख़िलाफ़ भारी नफरत फैलाने वाली, आतंकवादियों को हीरो बताने वाली और हमारे जवानों का मजाक उड़ाने वाली ऑनलाइन वेब सीरीज़ अभी भी उपलब्ध है... यह अभी भी चल रही है।'
As this day comes to an end,
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) January 16, 2021
There is still this web series available online spreading massive hate against our dharma and our Gods
making hero out of terrorists and making fun of our forces
It's still up and running
शुभ रात्रि दोस्तों #BanTandavNow
उत्तर पूर्व मुंबई से बीजेपी सांसद मनोज कोटक ने सीरीज पर सवाल उठाते हुए कहा था लगातार वेब सीरीज के नाम पर हिंदू विरोधी सामग्री परोसी जा रही है। उन्होंने इस पर तुरंत रोक लगाई जाने की ज़रूरत बताई। 'एनडीटीवी' की रिपोर्ट के अनुसार शनिवार को प्रकाश जावड़ेकर को लिखे ख़त में कोटक ने कहा था कि ओटीटी यानी ओवर द टॉप प्लेटफ़ॉर्म पर हिंसा, ड्रग्स, गाली-गलौज, नफ़रत जैसी सामग्री परोसी जा रही है।
जावड़ेकर को लिखे अपने पत्र में मनोज कोटक ने कहा,
“
ऐसा लगता है कि तांडव के निर्माता (जानबूझकर) हिंदू देवताओं का मजाक उड़ा रहे हैं और हिंदू भावनाओं का अपमान कर रहे हैं।
मनोज कोटक द्वारा जावड़ेकर को लिखे ख़त का अंश
बता दें कि पिछले महीने ही केंद्र सरकार ने एमेज़ॉन प्राइम वीडियो जैसी सामग्री देने वाले प्लेटफ़ॉर्म और ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल को जावड़ेकर के मंत्रालय के अधीन कर दिया है। पहले डिजिटल सामग्री को नियंत्रित करने वाला कोई क़ानून नहीं था। केंद्र सरकार ने यह कार्रवाई तब की जब सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए उससे उस पर प्रतिक्रिया माँगी थी जिसमें ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म को नियमित करने के लिए एक स्वतंत्र नियामक की बात कही गई थी।
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