चीन के साथ तनाव के बीच रफ़ाल लड़ाकू विमानों का भारत को मिलना और उसे सुसज्जित कर अलग से एक स्क्वाड्रन बनाना कई मायनों में महत्वपूर्ण है। भारतीय वायु सेना इन 5 राफ़ेल विमानों को लेकर एक अलग स्क्वाड्रन बनाएगा, जिसे नंबर 17 स्क्वाड्रन कहा जाएगा। इस स्क्वाड्रन का नाम होगा 'गोल्डन एरो'।
ये विमान पंजाब के अंबाला स्थित एअर बेस पर रखे जाएंगे। इनका स्क्वाड्रन यही रहेगा। इन विमानों को लेकर गुरुवार को एक भव्य आयोजन नहीं किया गया।
रक्षा उपकरण बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी दसू ने यह विमान बनाया है। भारत सरकार ने सितंबर 2016 में 36 रफ़ाल विमानों की खरीद के लिए इस कंपनी के साथ 7.8 अरब डॉलर का क़रार किया। इस सौदे पर काफ़ी विवाद हुआ था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गंभीर आरोप लगे थे।
ये विमान पूरी तरह ऑपरेशनल हो गए हैं।
रफ़ाल के साथ लगने वाले हथियार इसकी मारक क्षमता बढ़ाएंगे और वे ही इसकी खूबी भी होंगे। इनमें से कुछ हथियार भारत के पास पहले से हैं और कुछ हाल फिलहाल लिए गए हैं।
मिटीओर मिसाइल से 120 किलोमीटर दूर लक्ष्य को निशाना बनाया जा सकता है और यह दुश्मन की मिसाइल की रेंज से बाहर है, यानी दुश्मन मिसाइल मार कर विमान को निशाना नहीं बना सकता। इस वजह से हवाई युद्ध में इसकी मारक क्षमता और उपयोगिता कई गुणे बढ़ जाएगी।
एमआईसीए मिसाइल
इसके अलावा रफ़ाल में कम दूरी के हवा से हवा में मारने वाले मिसाइल भी फिट की गई हैं। इन एमआईसीआर मिसाइल की दुहरी भूमिका होगी। ये बिल्कुल पास की लड़ाई यानी डॉग फ़ॉइट में इस्तेमाल की जा सकती हैं और लंबी दूरी यानी बेयोंड विज़ुअल रेंज की लड़ाई में भी। ख़बर के मुताबिक़, इस मिसाइल को भी फिट कर उसका परीक्षण किया गया है। पश्चिम बंगाल स्थित कलाईकुंडा एअर बेस से रफ़ाल ने उड़ान भरी और इन दोनों ही मिसाइलों का परीक्षण किया गया।
इस मिसाइल की यह भी खूबी है कि यह पैसिव मोड में लंबी दूरी तक जाती है, यानी यह वे तरंगें नहीं छोड़ेगी जो दुश्मन का रडार पकड़ ले। जब यह लक्ष्य के पास पहुँच जाती है उसके बाद ही वे तरंगे छोड़ेगी जिसे रडार पकड़ सके।
रफ़ाल में डीप स्ट्राइक क्रूज़ मिसाइल एससीएएलपी यानी स्कैल्प भी लगे होंगे। इस मिसाइल की खूबी यह है कि दुश्मन की हवाई सीमा से दूर रह कर ही इसे छोड़ा जा सकता है और यह काफी अंदर तक मार सकती है। इसका फ़ायदा यह है कि दुश्मन के मजबूत एअर डिफ़ेंस सिस्टम से दूर रह कर ही मार कर सकती है और उसे तबाह कर सकती है।
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