सुप्रीम कोर्ट में तीन साल तक जज रहने के बाद पद से रिटायर हुए जस्टिस दीपक गुप्ता ने साफ़ शब्दों में कहा है कि उन्हें किसी ने राज्यसभा पद की पेशकश नहीं की, पर वे इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करते। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोप से न्यायपालिका की प्रतिष्ठा गिरी, जनवरी 2018 में सुप्रीम कोर्ट जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस बहुत अच्छी बात नहीं थी। उन्होंने यह भी कहा कि बड़े लॉ फ़र्म और पैसा वालों के मामलों को सुनवाई में प्राथमिकता मिलती है।
मैं होता तो राज्यसभा का सदस्य नहीं बनता : जस्टिस दीपक गुप्ता
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- 8 May, 2020
सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस दीपक गुप्ता ने रिटायर होने के बाद इंडियन एक्सप्रेस से लंबी बात की, जिसमें उन्होंने जजों की निष्पक्षता, प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल, पूर्व मुख्य न्यायाधीश पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोप और जजों को सरकार से फ़ायदा लेने जैसे कई मुद्दों पर बेबाक बात की। पढ़िए उस इंटरव्यू का हिन्दी अनुवाद।
