कुछ दिन पहले यह ख़बर आई थी कि इजरायली एनएसओ समूह ने पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल कर 1400 वॉट्सऐप यूजर्स की निगरानी की थी। वॉट्सऐप ने स्वीकार किया था कि लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान दो हफ़्ते के लिये भारत में कई पत्रकारों, शिक्षाविदों, वकीलों, मानवाधिकार और दलित कार्यकर्ताओं पर नज़र रखी गई थी। तब इसे लेकर ख़ासा हंगामा हुआ था क्योंकि वॉट्सऐप यह दावा करता है कि उसके प्लेटफ़ॉर्म पर जो चैटिंग होती है, वह पूरी तरह इनक्रिप्टेड है यानी चैटिंग कर रहे दो लोगों के सिवा कोई तीसरा शख़्स इसे नहीं पढ़ सकता है।
वॉट्सऐप यूजर्स की जासूसी पर जवाब क्यों नहीं दे रही सरकार?
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- 20 Nov, 2019
जब गृह मंत्रालय से सवाल पूछा गया कि क्या सरकार ने इजरायली समूह के पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल वॉट्सऐप कॉल और संदेशों को टैप करने के लिए किया था तो सरकार ने इसका जवाब नहीं दिया।

ख़बर सामने आने के बाद यह सवाल उठा था कि क्या केंद्र सरकार लोगों की जासूसी करवा रही है। इसे लेकर जब मंगलवार को संसद में डीएमके सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री दयानिधि मारन ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से सवाल पूछा कि क्या सरकार ने इजरायली समूह के पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल वॉट्सऐप कॉल और संदेशों को टैप करने के लिए किया था तो सरकार ने इसका जवाब नहीं दिया।