1947 में ब्रिटिश हुक़ूमत की बेड़ियों से आज़ाद हुए मुल़्क भारत में 2014 से पहले कभी ऐसा नहीं हुआ कि सरकार के ख़िलाफ़ उठने वाली किसी बात को धर्म या देश के विरोध से जोड़ दिया गया हो और हुक़ूमत का विरोध करने वालों को देशद्रोही बता दिया गया हो।
रामदेव विवाद: आख़िर हिंदुत्व बनाम ईसाईयत की जंग क्यों छेड़ी जा रही है?
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- 1 Jun, 2021

रामदेव ने एलोपैथिक पद्धति को दिवालिया साइंस बताया तो विरोधी विचार रखने वालों को देशद्रोही बताने वाली ट्रोल आर्मी ने इसे फिर से धर्म से जोड़ दिया और सोशल मीडिया पर इसे सनातन या हिंदुत्व बनाम ईसाईयत से जोड़कर नया रंग दे दिया।
लेकिन विरोध का यह तरीक़ा बाक़ी जगहों के लिए भी आज़माया जा रहा है। जैसे, योग गुरू रामदेव ने एलोपैथिक पद्धति को दिवालिया साइंस बताया तो विरोधी विचार रखने वालों को देशद्रोही बताने वाली ट्रोल आर्मी ने इसे फिर से धर्म से जोड़ दिया और सोशल मीडिया पर इसे सनातन या हिंदुत्व बनाम ईसाईयत से जोड़कर नया रंग दे दिया।