असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने मुसलिमों की जनसंख्या पर एक बयान देकर फिर से इस विवाद को जन्म दिया है कि क्या मुसलिमों को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है? या फिर इसमें कोई सचाई है कि मुसलिमों की आबादी बेतहाशा बढ़ रही है? आख़िर हिमंत बिस्व सरमा ने राज्य के अल्पसंख्यक मुस्लिम लोगों से जनसंख्या नियंत्रण के लिए एक अच्छी परिवार नियोजन नीति अपनाने की अपील क्यों की? या जब तक मुसलिम जनसंख्या को लेकर दक्षिणपंथी विचार वाले नेता बयान क्यों देते रहते हैं?
हिमंत जैसे नेता किस आधार पर मुसलिम आबादी पर उठाते हैं सवाल?
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- 13 Jun, 2021
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने मुसलिमों की जनसंख्या पर एक बयान देकर फिर से इस विवाद को जन्म दिया है कि क्या मुसलिमों जानबूझकर निशाना बयाना जा रहा है? या फिर इसमें कोई सचाई है कि मुसलिमों की आबादी बेतहाशा बढ़ रही है?

वास्तविकता जानने के लिए जनसंख्या बढ़ने की रफ़्तार को समझना होगा। इसे कुल प्रजनन क्षमता यानी टीएफ़आर के आँकड़ों से समझा जा सकता है। प्रजनन क्षमता से मतलब है कि देश में हर जोड़ा औसत रूप से कितने बच्चे पैदा करता है। किसी देश में सामान्य तौर पर टीएफ़आर 2.1 रहे तो उस देश की आबादी स्थिर रहती है। इसका मतलब है कि इससे आबादी न तो बढ़ती है और न ही घटती है। फ़िलहाल भारत में टीएफ़आर 2.2 है।