पश्चिम बंगाल और केंद्र सरकार के बीच टकराव थमने का नाम नहीं ले रहा है और उनके बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है।
पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने उनकी आवाज़ दबाने का आरोप केंद्र सरकार पर लगाते हुए कहा है कि जीएसटी कौंसिल की बैठक में उन्हें बोलने नहीं दिया गया और बैठक ख़त्म करने का एलान कर दिया गया।
केंद्रीय राज्य वित्त मंत्री अनुराग ठाकुर ने इससे इनकार करते हुए कहा है कि मित्रा के वीडियो लिंक में दिक्क़त थी और उनकी आवाज़ ठीक से सुनाई नहीं पड़ रही थी।
केंद्र को चिट्ठी
पर मित्रा इस उत्तर से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक चिट्ठी लिख कर अपना विरोध दर्ज किया है। उन्होंने चिट्ठी में लिखा है,
“
आपने अपने वक्तव्य में मेरा हवाला कई बार दिया और मेरा नाम भी लिया, लेकिन मुझे बोलने नहीं दिया गया, हालांकि मैंने कई बार आग्रह किया कि मुझे भी बोलने दिया जाए।
अमित मित्रा, वित्त मंत्री, पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री ने इसके आगे लिखा, 'आपने मेरे बदले उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री को बोलने का मौका दिया, उन्होंने मेरे बयानों को हटा देने को कहा और आश्चर्य है कि आप इस पर राजी हो गईं।'
केंद्र का जवाब
अनुराग ठाकुर ने मित्रा के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा, जीएसटी कौंसिल की बैठक में आज तक किसी की आवाज़ नहीं दबाई गई है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक वरिष्ठ मंत्री कह रहे हैं कि ऐसा हुआ है। जीएसटी कौंसिल में सभी राज्यों के सम्मिलित विचार होते हैं और आगे भी रहेंगे।
राज्य वित्त मंत्री ने यह भी दावा किया कि बीते 'दो साल में आज तक कभी भी निर्मला सीतारमण ने किसी राज्य के वित्त मंत्री की आवाज़ को नहीं दबाया है, न ही उन्हें संक्षेप में कहने को कहा है, भले ही कई बार बहस बहुत ही लंबी हो गई हो।'
उन्होंने यह भी कहा कि लगता है कि वर्चुअल बैठक के दौरा अमित मित्रा का लिंक स्थिर नहीं था, आवाज़ बीच-बीच में टूट रही थी। लगता है दिक्क़त इस वजह से हुई है।
अपनी राय बतायें