कर्नाटक में हाई कोर्ट में सुनवाई से पहले भगवा शॉल और हिजाब पहने छात्र-छात्राओं के बीच एमजीएम कॉलेज के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। छात्रों को जय श्री राम के नारे लगाते सुना गया। समझा जाता है कि यूपी चुनाव के मद्देनजर इस मुद्दे को जानबूझकर हवा दी जा रही है। यूपी विधानसभा चुनाव में पहले चरण के मतदान के लिए 10 फरवरी को वोट डाले जाएंगे, लेकिन उससे पहले इस मुद्दे को भड़का दिया गया है।हिजाब समर्थकों और हिजाब विरोधियों दोनों को मालूम है कि आज हाई कोर्ट में सुनवाई हो रही है लेकिन एमजीएम कॉलेज में जानबूझकर प्रदर्शन आयोजित किया गया। प्रदर्शन में शामिल एक छात्र ने कहा, "हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, लेकिन उनमें से कुछ हिजाब पहनकर क्लास में आईं हैं। अगर उन्होंने हिजाब पहना है, तो हम भी भगवा शॉल पहनेंगे।" एक अन्य छात्रा ने हिजाब में कहा, ''हम इसे बचपन से पहनते आए हैं, अब वे हमसे इसे हटाने के लिए कैसे कह सकते हैं?''
#WATCH | Protests erupt at Mahatma Gandhi Memorial College in Udupi as students wearing hijab & another group of students wearing saffron stoles-headgears raise slogans on college campus.
— ANI (@ANI) February 8, 2022
Karnataka HC to hear a plea today against hijab ban in several junior colleges of state. pic.twitter.com/f65loUWFLP
इस बीच, हिजाब पर विवाद बढ़ने पर मुख्यमंत्री बसवराज एस बोम्मई ने शांति की अपील की है। उन्होंने कहा, "सभी संबंधित लोग शांति बनाए रखें और बच्चों को पढ़ने दें। मामला आज हाईकोर्ट में पेश किया जाएगा, इसके लिए प्रतीक्षा करें।"
उधर, कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य में हिजाब विवाद पर सुनवाई शुरू कर दी है, जबकि एमजीएम कॉलेज परिसर के बाहर हिजाब और भगवा शॉल पहने छात्र-छात्राओं के बीच विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। याचिकाकर्ता ने यह कहते हुए सरकारी आदेश पर स्टे की मांग की है। अटॉर्नी जनरल ने कहा कि आपत्तियों को एक बयान के बाद दायर किया गया था। जस्टिस कृष्णा दीक्षित ने कहा इस मामले में जो भी फैसला होगा वह सभी याचिकाकर्ताओं पर लागू होगा। वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामथ ने कहा कि छात्रों के एक अन्य बैच द्वारा दायर याचिकाएं आज सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं हैं और उनके कागजात मांगे जाने चाहिए और अन्य लोगों के साथ सुनवाई की जानी चाहिए। जस्टिस दीक्षित ने अब दूसरे मामले के कागजात भी मंगवाए हैं। वाद सूची के अनुसार मद संख्या 61 के रूप में सुनवाई की जानी है।
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