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प्रधानमंत्री मोदी ने आज राज्यसभा में कांग्रेस को लोकतंत्र विरोधी पार्टी क़रार दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की दिक्कत यह है कि उसने डाइनेस्टी यानी वंशवाद के आगे सोचा ही नहीं। उन्होंने कहा कि भारत के लोकतंत्र में परिवारवाद ही सबसे बड़ा ख़तरा है। मोदी ने आगे कहा कि जब परिवारवाद को बढ़ावा मिलता है तो सबसे ज़्यादा नुक़सान टैलेंट को होता है।
प्रधानमंत्री कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा, 'हमारे लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा ख़तरा वंशवादी पार्टियाँ हैं। जब एक परिवार किसी राजनीतिक दल में बहुत अधिक प्रचलित हो जाता है, तो राजनीतिक प्रतिभा को नुक़सान होता है।' प्रधानमंत्री ने कहा कि यहाँ कहा गया कि यदि कांग्रेस नहीं होती तो क्या होता। प्रधानमंत्री ने कहा, '...अगर कांग्रेस न होती तो देश में जातिवाद की जड़ें गहरी न होतीं। अगर कांग्रेस न होती तो आपातकाल नहीं लगता। अगर कांग्रेस न होती तो सिखों का नरसंहार न होता। सालों साल पंजाब आतंकवाद की आग में नहीं जलता। अगर कांग्रेस नहीं होती तो बेटियों को तंदूर में जलाने की घटना नहीं होती...।'
प्रधानमंत्री मोदी आज राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बहस का जवाब दे रहे थे। प्रधानमंत्री ने कहा, 'मैं गिनता रहूंगा कांग्रेस जब सत्ता में रही तो देश का विकास नहीं होने दिया। अब जब विपक्ष में है तब देश के विकास में बाधा डाल रही है।' उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अब नेशन पर आपत्ति है। पीएम ने कहा कि यदि नेशन गैर संवैधानिक है तो आपकी पार्टी का नाम इंडियन नेशनल कांग्रेस क्यों रखा गया। उन्होंने चेताया कि अपने पूर्वजों की गलती सुधार दीजिए। प्रधानमंत्री के भाषण पर विपक्ष दलों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सदन में बोलने के दौरान कांग्रेस के सांसद राज्यसभा से वॉकआउट कर गए। मल्लिकार्जुन खड़गे ने बाद में संसद के बाहर कहा, 'हमने धन्यवाद प्रस्ताव पर पीएम के भाषण से वाकआउट किया है क्योंकि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलने के बजाय उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया।'
प्रधानमंत्री ने राहुल गांधी के उस हमले का भी जवाब दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि बीजेपी सरकार केंद्र और राज्यों के बीच संवैधानिक व्यवस्था को ध्वस्त कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि क़रीब 100 बार चुनी हुई राज्य सरकारों को गिरा दिया गया। उन्होंने कहा,
“
वह कौन प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने राज्य की 50 सरकारों को उखाड़ कर फेंक दिया है। आज उन्हीं की सजा उन्हें भुगतनी पड़ रही है।
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री मोदी ने महंगाई को एक हद तक काबू करने का दावा किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के प्रयासों का ही नतीजा रहा कि 2014 से 2020 तक महंगाई दर 4-5 फीसदी तक थी। उन्होंने कहा कि 'इसकी तुलना में यूपीए से तुलना करें तो पता चलेगा कि महंगाई होती क्या है। यूपीए के समय महंगाई डबल डिजिट में थी।'
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