सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को हिजाब प्रतिबंध मामले को फौरन सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया और कहा कि अदालत मामले के लिए तीन जजों की बेंच का गठन करेगी। राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध हटाने से इनकार करने के लिए कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं के बाद यह घटनाक्रम सामने आया है।
वरिष्ठ वकील मीनाक्षी अरोड़ा ने एक अंतरिम अर्जी का उल्लेख किया जिसमें उन हिजाबी लड़कियों के लिए अनुमति मांगी गई थी जो परीक्षा ही नहीं दे पाईं। तमाम स्कूल, कॉलेजों ने ऐसी लड़कियों से हिजाब हटाकर परीक्षा देने को कहा था। लेकिन लड़कियों ने हिजाब हटाने से मना कर दिया था।
वकील मीनाक्षी ने उन लड़कियों के मामले का उल्लेख किया जिनके सिर पर मात्र स्कार्फ़ पहनने पर प्रतिबंध के कारण एक साल का नुकसान हुआ था। उन्होंने कहा कि प्रेक्टिकल परीक्षाएं छह फरवरी से शुरू हो रही हैं। मीनाक्षी ने कहा कि कई लड़कियों को स्कूल छोड़ना पड़ा। मुझे तत्काल कुछ निर्देशों की आवश्यकता है ताकि एक और वर्ष बर्बाद न हो। प्रेक्टिकल परीक्षाएं 16 फरवरी से शुरू होंगी।
इस पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि अदालत इसकी जांच करेगी और इसे तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करेगी। सीजेआई ने कहा- मैं मामले के लिए तीन जजों की बेंच का गठन करूंगा।
सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की पीठ ने अक्टूबर 2022 में कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए एक खंडित फैसला दिया, जिसने राज्य में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने से इनकार कर दिया था।
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