सुप्रीम कोर्ट के द्वारा हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक एक्ट, 2014 को वैध ठहराए जाने के बाद से ही हरियाणा और पंजाब में माहौल बेहद गर्म है। कई राज्यों के गुरुद्वारों का प्रबंधन देखने वाली शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी यानी एसजीपीसी ने इस कानून की वैधता को चुनौती दी थी। यह कानून साल 2014 में हरियाणा की तत्कालीन भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार ने बनाया था।
हरियाणा की अलग गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को लेकर बवाल क्यों?
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- 29 Mar, 2025
हरियाणा के सिख नेता चाहते हैं कि उनके राज्य के गुरुद्वारों के प्रबंधन और देखरेख के लिए अलग कमेटी हो जबकि एसजीपीसी कहती है कि ऐसा नहीं होना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी ने इसका स्वागत किया है जबकि एसजीपीसी ने इसे सिख धर्म पर हमला बताया है।
हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष बलजीत सिंह दादूवाल का कहना है कि कोर्ट के फैसले के बाद हरियाणा के सभी 52 गुरुद्वारों की देखरेख और प्रबंधन का काम अब हरियाणा की कमेटी को मिल सकेगा। बताना होगा कि हरियाणा के सिख नेताओं के द्वारा उनके राज्य के गुरूद्वारों की अलग प्रबंधक कमेटी बनाए जाने की मांग वर्षों से लंबित है। अदालत के फैसले के बाद राज्य की मनोहर लाल खट्टर सरकार इस मामले में आगे बढ़ रही है।