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मध्य प्रदेश कांग्रेस के दो विधायकों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। आरोप है कि नशे की हालत में दोनों विधायकों ने ए.सी.फर्स्ट के कूप में सात महीने के बच्चे के साथ सफर कर रही महिला से छेड़छाड़ की। रेलवे पुलिस ने दोनों विधायकों के खिलाफ एफआईआर करने के बाद जांच आरंभ कर दी है।
मध्य प्रदेश रेलवे पुलिस में आईजी महेन्द्र सिंह सिकरवार ने ‘सत्य हिन्दी’ को बताया कि सतना विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा और कोतमा विधायक सुनील सर्राफ के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 354 के तहत मुकदमा कायम किया गया है। निरीक्षक शशि धुर्वे को जांच सौंपी गई है। उन्होंने जांच आरंभ कर दी है।
सिकरवार के मुताबिक, रीवा से रानी कमलापति रेलवे स्टेशन तक चलने वाली रेवांचल एक्सप्रेस ट्रेन में अपने सात माह के बच्चे के साथ भोपाल आ रही एक 30 वर्षीय महिला ने ए.सी.फर्स्ट के कूप में छेड़छाड़ होने का आरोप लगाया है। महिला का आरोप है कि रात करीब 11.50 बजे सामने वाली बर्थ में बैठे दो लोगों (कांग्रेस विधायकों) ने खाना खाया और फिर गंदी-गंदी गालियां बकने लगे। उन्होंने नशे में मुझे हाथ भी लगाया और बुरी नजर से देख रहे थे।
बताया गया है कि घटना से घबराई महिला ने दिल्ली में वकालत करने वाले अपने पति को सबसे पहले मामले की सूचना दी। पत्नी की सूचना पर पति ने ट्वीट कर रेल मंत्री, डीआरएम भोपाल और रेल पुलिस से मदद मांगी। कंट्रोल रूम से मैसेज होते ही रेल पुलिस हरकत में आ गई।
शिकायत में बताया गया कि 6 अक्टूबर की रात करीब 1 बजे रेवांचल एक्सप्रेस सागर स्टेशन पहुंची। जहां जीआरपी और आरपीएफ का अमला ट्रेन की बोगी में पहुंचा। महिला यात्री की शिकायतें सुनीं। जांच दल, महिला यात्री के साथ ट्रेन में भोपाल पहुंचा और रास्ते में ही शुरूआती बयान लिए। महिला की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया गया।
उन्होंने आगे कहा, ‘मेडिकल भले ही नहीं हो पाया है, लेकिन महिला जो भी आरोप लगा रही है उसे संज्ञान में लेकर जांच-पड़ताल जरूरी है।’
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘धारा 354 गैर-जमानती अपराध है। जांच पूरी होने के बाद, दोषी पाये जाने पर दोनों विधायकों की गिरफ्तारी की जायेगी।’ एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा, ‘जांच अधिकारी से अतिशीघ्र रिपोर्ट मांगी गई है। जांच में नए तथ्य आये और जरूरी हुआ तो धाराएं बढ़ायी भी जायेंगी।’
खबरों के अनुसार, विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा भोपाल आने के लिये सतना से ट्रेन में सवार हुए थे, जबकि सुनील सर्राफ कटनी से बैठे थे।
घटना सामने आने के बाद से सत्तारूढ़ दल भाजपा ने कांग्रेस के दोनों विधायकों को निशाने पर ले लिया है। शिवराज सरकार में मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस की मुखिया सोनिया गांधी से मांग की है कि मध्य प्रदेश और राजनीति को शर्मसार करने वाले दोनों विधायकों को बिना देर किये कांग्रेस से निकाल दिया जाना चाहिए।
मध्य प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने भी पूरे घटनाक्रम पर अफसोस जताते हुए कांग्रेस विधायकों को जमकर आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ का नारा देने वाली कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को मध्य प्रदेश के इस मामले को संज्ञान में लेना चाहिए। लड़ने की प्रेरणा देने वाली लड़कियों को किस तरह से कांग्रेस पार्टी के विधायक छेड़ रहे हैं, इस बारे में प्रियंका गांधी अपने विधायकों के खिलाफ एक्शन लेंगी तभी उनका नारा सार्थक होगा।’
इधर, दोनों ही विधायकों ने महिला के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। विधायकों ने कहा है, ‘उनके खिलाफ साजिश की संभावनाएं नजर आ रही हैं। हमने तो अपनी सीट महिला और बच्चे को दी। बावजूद इसके अनर्गल आरोप लगाये गये।’
सुनील सर्राफ ने कहा, ‘हम रोज सफर करते हैं। हमारी उम्र 50 साल हो गई है। विधायक हैं। यही करेंगे क्या? मैं तो कटनी से बैठा। हमने तो छोटी लाइट में खाना खाया।’
सर्राफ ने आगे कहा, ‘दरवाजा सही नहीं था। बज रहा था। इस कारण उनका बच्चा जाग रहा था, तो हम क्या कर सकते थे। सिद्धार्थ भाई ने इतना पूछा था कि आपकी बर्थ कौन सी है, क्योंकि वह उनकी बर्थ पर सो रही थीं। हमने तो मेडिकल तक करवाने को कहा था, पता चल जाता हमने शराब पी है या नहीं!’
विधायक ने कहा, ‘हमने यह भी कहा था, बच्चे के सिर पर हाथ रखकर कह दें हमने कोई गलत हरकत की है, यदि वे कह देंगी तो हर सजा को मंजूर कर लेंगे।
विधायकों के दावों से जुड़ा पूरा वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। उधर, कांग्रेस नेताओं की ओर से अभी इस बारे में कोई सफाई अथवा बयान सामने नहीं आया है।
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