क्या वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद एक मंदिर के ऊपर बनाई गई थी, इस बात का पता लगाने के लिए भारतीय पुरातत्व विभाग ने आज 24 जुलाई से एक सर्वे शुरू किया। यह सर्वे कोर्ट के आदेश पर किया जा रहा है। हिन्दू पक्ष का दावा है कि मस्जिद के वजूखाना में शिवलिंग है। लेकिन ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन संभालने वाली अंजुमन इस्लामिया कमेटी ने कहा कि वहां शिवलिंग नहीं, बल्कि फौव्वारा है और यह बहुत आम है। शिवलिंग आकार के फौव्वारे तमाम ऐतिहासिक स्थलों पर लगे हुए हैं। एएसआई के सर्वे के खिलाफ अंजुमन इस्लामिया कमेटी की ओर से सीनियर एडवोकेट हुजैफा अहमदी ने आज सोमवार को इस मामले को चीफ जस्टिस की बेंच के सामने मेंशन किया। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद 26 जुलाई शाम 5 बजे तक एएसआई के सर्वे पर रोक लगा दी है। मस्जिद पक्ष को इलाहाबाद हाईकोर्ट में वाराणसी सेशन कोर्ट के फैसले को चुनौती देने की छूट दी है।
मस्जिद कमेटी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हुज़ेफ़ा अहमदी ने भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच के सामने तत्काल उल्लेख करते हुए कहा कि आदेश शुक्रवार शाम को पारित किया गया था और अपील के लिए कोई अवसर दिए जाने से पहले, सर्वे की कार्यवाही आज सोमवार सुबह शुरू हो गई है, हालांकि अधिकारियों को सूचित किया गया था कि इस मामले का उल्लेख आज सुप्रीम कोर्ट में किया जाएगा। अहमदी ने कहा कि ढांचे की खुदाई से अपूरणीय क्षति होगी।
इस पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने पूछा कि जिला कोर्ट के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा क्यों नहीं खटखटाया जा सकता। अहमदी ने कहा कि यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के पहले के आदेश का उल्लंघन है जिसमें ज्ञानवापी मस्जिद की वैज्ञानिक जांच को स्थगित करने का निर्देश दिया गया था। यह बताते हुए कि हिंदू उपासकों के मुकदमे को चुनौती देने वाली मस्जिद समिति की याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, वरिष्ठ वकील ने तर्क दिया कि जब मुकदमा तमाम सवालों के घेरे में है तो सर्वेक्षण कार्यवाही की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
हिंदू पक्ष की ओर से पेश वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का पिछला आदेश उस क्षेत्र के संदर्भ में पारित किया गया था जहां "शिवलिंग" पाया गया था और नवीनतम आदेश ने विशेष रूप से उस क्षेत्र को बाहर कर दिया है।
सीनियर एडवोकेट हुजैफा अहमदी ने इस दावे का खंडन किया और कहा कि कोर्ट निर्देशों के अनुसार, एएसआई ने "खुदाई" शुरू कर दी है और इस बात पर जोर दिया कि आदेश में विशेष रूप से "खुदाई" शब्द का इस्तेमाल किया गया है। इस पर हिन्दू पक्ष के वकील श्याम दीवान ने कहा कि वहां खुदाई नहीं होगी। कृपया आप आदेश पढ़े। वहां सिर्फ जीपीआर (Ground Penetrating Radar) सर्वे होगा।
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