केंद्र सरकार भले ही कृषि क़ानूनों को वापस लेने पर राजी हो गई हो, इन क़ानूनों को लेकर इसकी राय नहीं बदली है और न ही वह यह मानने को तैयार है कि इन क़ानूनों के ख़िलाफ़ बड़ा आन्दोलन हुआ ।