एक रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है कि उन अनुसूचित जातियों यानी दलितों की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक स्थिति का अध्ययन करने के लिए एक राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए जिन्होंने हिंदू, बौद्ध और सिख धर्म के अलावा अन्य धर्मों को अपना लिया है। उस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस प्रस्ताव पर जल्द ही निर्णय लिए जाने की संभावना है।
आरक्षण: ईसाई, मुसलिम बने दलितों का हाल जानने को कमेटी बनेगी
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- 19 Sep, 2022
ईसाई, मुसलिम बनने वाले अनुसूचित जाति के लोगों की स्थिति कैसी है, यह जानने के लिए सरकार कमेटी बनाने पर विचार क्यों कर रही है? जानिए, इसका मक़सद क्या है।

सरकार के स्तर पर यह क़दम तब उठाया जा रहा है जब धर्मांतरण कर ईसाई व मुसलिम बने कई दलितों को अनुसूचित जाति का आरक्षण दिए जाने की मांग वाली कई याचिकाएँ सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं। आम तौर पर इनका तर्क है कि अनुसूचित जाति के आरक्षण का धर्म से कुछ लेना देना नहीं होना चाहिए। पहले भी गठित एक कमेटी ने कुछ ऐसी ही राय रखी थी, लेकिन तब सरकार ने उसकी सिफारिश को लागू नहीं किया था। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के एक सर्वे में भी कुछ ऐसी ही सिफ़ारिश की गई थी।