क्या प्रवर्तन निदेशालय ग़लत तरीके से मशहूर वकील कपिल सिब्बल, इंदिरा जयसिंह और दुष्यंत दवे को फँसा रही है और पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया से उनके तार जोड़ रही है? वह भी तब ये तीनों लोग नागरिकता संशोधन क़ानून या एनसीआर के विरुद्ध चल रहे आन्दोलन से किसी रूप में जुड़े हुए नहीं हैं। क्या ऐसा कर ईडी इन वकीलों को बदनाम करने के साथ ही आन्दोलन की भी छवि खराब करने की कोशिश में है?