नरेंद्र मोदी सरकार भले ही एनसीआर और एनपीआर को ज़रूरी मानती हो और इसे हर हाल में लागू करने पर अडिग हो, अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने ऐसी ही एक योजना शुरू की थी, जिसे बाद में यह कह कर बंद कर दिया गया कि नागरिकता का मुद्दा बहुत ही उलझा हुआ है और कई मामलों में नामुमकिन है।