उच्चतम न्यायालय के द्वारा आरक्षण को लेकर सुनाया गया एक ताज़ा फ़ैसला वंचित तबक़े को निराश करने वाला है। शीर्ष न्यायालय के फ़ैसले से लगता है कि उसने अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) तबक़े को मिलने वाला आरक्षण सरकार के हवाले कर दिया है। सरकार चाहे तो आरक्षण दे और अगर न चाहे तो वह पहले से चला आ रहा आरक्षण ख़त्म कर दे, न्यायालय उसमें कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता है।
वंचित तबक़े को निराश करता है एससी-एसटी वर्ग के आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला
- विचार
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- 9 Feb, 2020

शीर्ष न्यायालय के फ़ैसले से ऐसा लगता है कि उसने एससी, एसटी और ओबीसी तबक़े को मिलने वाला आरक्षण सरकार के हवाले कर दिया है।
उच्चतम न्यायालय के फ़ैसले में कहा गया है कि अनुच्छेद 16 सरकार को आरक्षण का प्रावधान करने को बाध्य नहीं करता। हालांकि ऐसे तमाम लोगों को यह वक्तव्य नया या अद्भुत लग सकता है, जिन्होंने संविधान नहीं पढ़ा है। संविधान का अनुच्छेद 16 क्या है, पहले यह शब्दशः जान लें।