वॉट्सऐप के ज़रिए मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और पत्रकारों की जासूसी कराने के मुद्दे पर जहाँ एक ओर राजनीति शुरू हो गई है, सरकार ने इस पर बचाव का मुद्रा अपना लिया है। उसने वॉट्सऐप से कहा है कि वह बताए कि निजता का उल्लंघन करते हुए कैसे भारतीयों को निशाना बनाया गया।
गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, 'भारत सरकार हर नागरिक के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह कृतसंकल्प है। इसमें निजता का हक़ भी शामिल है।'
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यह साफ़ है कि सरकार तयशुदा प्रोटोकॉल का दृढता से पालन करती है। निर्दोष नागरिकों को परेशान न किया जाए और उसकी निजता का उल्लंघन न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त उपाय किए गए हैं।
सूचना प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि उसने तो एक परिवार के कहने पर 'बहुत ही सम्मानित लोगों' की जासूसी कराई थी।
प्रसाद ने कहा, भारत सरकार वॉट्सऐप पर भारतीय नागरिकों के निजता के हक़ के उल्लंघन को लेकर बहुत ही चिंतित है। हमने वॉट्सऐप से कहा है कि यह स्पष्ट करे कि यह कैसे हुआ और वह करोड़ों भारतीयों की निजता की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाने जा रही है।
इसके पहले कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा था, 'मोदी सरकार जासूसी करते हुए पकड़ी गई! यह बहुत ही बुरी बात है, पर आश्चर्य की बात नहीं है। बीजेपी सरकार ने पहले कार्यकाल में ही निजता के अधिकार का जम कर विरोध किया था। इसने तो लोगों पर निगरानी रखने के लिए एक निकाय तक बना लिया था, सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद ही उसने इसे रोका। अदालत को इसका संज्ञान लेना चाहिए और बीजेपी सरकार को नोटिस देना चाहिए।'
इसके पहले वॉट्सऐप ने स्वीकार किया कि लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान दो हफ़्ते के लिये भारत में कई पत्रकारों, शिक्षाविदों, वकीलों, मानवाधिकार और दलित कार्यकर्ताओं पर नज़र रखी गई। फ़ेसबुक के स्वामित्व वाले वॉट्सऐप ने कहा है कि इजरायली एनएसओ समूह ने पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल कर 1400 वॉट्सऐप यूजर्स की निगरानी की थी।
वॉट्सऐप यह दावा करता है कि उसके प्लेटफ़ॉर्म पर जो चैटिंग होती है, वह पूरी तरह इनक्रिप्टेड है यानी चैटिंग कर रहे दो लोगों के सिवा कोई तीसरा शख़्स इसे नहीं पढ़ सकता है।
अंग्रेजी अख़बार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, यह हैरान करने वाली जानकारी सैन फ़्रांसिस्को की एक अमेरिकी संघीय अदालत में एक मुक़दमे की सुनवाई के दौरान सामने आई। इस मुक़दमे में वॉट्सऐप ने आरोप लगाया कि इजरायली एनएसओ समूह ने पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल कर 1400 वॉट्सऐप यूजर्स पर नजर रखी थी।
मुक़दमे के दौरान वॉट्सऐप ने इन यूजर्स की पहचान और फ़ोन नंबर बताने से इनकार कर दिया। वॉट्सऐप के प्रवक्ता ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ को बताया कि जिन लोगों पर निगाह रखी जा रही थी, वॉट्सऐप उनके बारे में जानता था और उनमें से सभी से संपर्क किया गया।
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