फ्रांसीसी अर्थशास्त्री थॉमस पिकेटी ने कहा है कि भारत सरकार देश के अरबपतियों और सबसे अमीर 100 लोगों के विस्तृत इनकम टैक्स डेटा को जारी करे। उन्होंने कहा कि इसके जरिये यह पता लग सकेगा कि ऐसे लोगों पर संपत्ति और विरासत कर (Wealth and Inheritance Tax) क्यों लगना चाहिए। वर्ल्ड इनइक्वलिटी लैब के सह-निदेशक पिकेटी ने सुझाव दिया कि उस पैसे से भारत में स्वास्थ्य और शिक्षा पर अधिक खर्च करने में मदद मिलेगी। पिकेटी ने कहा कि पिछले छह दशकों से अधिक समय से "सूचना की पारदर्शिता और गुणवत्ता" में गिरावट आई है। यानी अमीर लोगों का विस्तृत आयकर डेटा जारी नहीं किया जा रहा है।
परदे में रहने दो...इस अर्थशास्त्री ने भारत से ज्यादा इनकम टैक्स डेटा क्यों मांगा?
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- 14 Dec, 2024
भारत में अरबपतियों और अमीरों की कमाई और संपत्ति के बारे में सूचनाएं बाहर न आने के आरोप लगते रहे हैं। फ्रांसीसी अर्थशास्त्री थॉमस पिकेटी ने भी इस बात को रखा है। उनका कहना है कि अगर इन लोगों का डेटा बाहर नहीं आएगा तो इन पर टैक्स ठीक से नहीं लग सकेगा। उनका सुझाव है कि ऐसे अमीरों पर विरासत कर लगाकर उस पैसे को भारत के आम लोगों की सेहत और शिक्षा पर खर्च किया जाना चाहिए। लेकिन मोदी सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार ने इसका विरोध कर दिया। यानी मोदी सरकार भी अरबपति लोगों की इनकम का डेटा छिपाना चाहती है। भारत में सरकारी संरक्षण में असमानता का यह बड़ा उदाहरण है।
