सोमवार की शाम देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक महत्वपूर्ण फ़ैसले का एलान किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार टीका बनाने वाली कंपनियों से उनके कुल उत्पादन का 75 प्रतिशत हिस्सा खरीद कर राज्यों को मुफ़्त देगी। इससे यह होगा कि 18 साल से ऊपर की उम्र के सभी लोगों को मुफ़़्त कोरोना टीका दिया जा सकेगा।
इसके अलावा 25 प्रतिशत कोरोना टीका निजी क्षेत्र के लिए छोड़ दिया जाएगा। निजी अस्पताल ये टीके खरीद कर उन लोगों को दे सकेंगे जो पैसे देकर उनसे टीका लेना चाहेंगे। लेकिन ये अस्पताल टीका की कीमत के ऊपर सिर्फ 150 रुपए सेवा शुल्क के रूप में ले सकेंगे।
प्रधानमंत्री ने यह भी एलान किया कि ग़रीबी रेखा से नीचे के लोगों को पहले से मिल रहा मुफ़्त राशन अब नवंबर तक मिलता रहेगा। इससे 80 करोड़ लोगों को फ़ायदा मिल रहा है।
राष्ट्र के नाम प्रधानमंत्री के संबोधन की मुख्य बातें
- केंद्र सरकार 75 प्रतिशत कोरोना टीका खरीद कर राज्यों को मुफ़्त में देगी।
- टीका उत्पादन का 25 प्रतिशत हिस्सा निजी क्षेत्र के लिए छोड़ दिया जाएगा।
- जो लोग पैसे देकर निजी अस्पतालों में टीका लगवाना चाहेंगे, वे ऐसा कर पाएंगे।
- निजी अस्पताल कोरोना टीका की कीमत के ऊपर सिर्फ 150 रुपए चार्ज कर सकेंगे।
- ग़रीबी रेखा से नीचे के लोगों को मुफ़्त राशन देने का काम नवंबर तक जारी रहेगा। इससे 80 करोड़ लोगों को फ़ायदा होगा।
प्रधानमंत्री की कही दूसरी बातें
- मोदी : कई लोगों ने कोरोना टीका के ख़िलाफ़ दुष्प्रचार किया, लोगों से कहा कि वे टीका न लें, टीका उत्पादकों का हौसला पस्त करने की कोशिशें की गईं।
- मोदी : 21 जून से केंद्र सरकार सभी राज्यों को 18 साल से ज़्यादा की उम्र के सभी लोगों के टीकाकरण के लिए वैक्सीन देगी। ये वैक्सीन मुफ़्त होंगे। यानी केंद्र सभी को मुफ़्त कोरोना टीका देगी।
- प्रधानमंत्री ने दावा किया कि कई राज्यों ने कहा कि वे टीकाकरण नहीं कर सकते और पुरानी व्यवस्था ही ठीक थी, यानी केंद्र ही टीकाकरण करे।
- मोदी : राज्यों ने माँग की कि कोरोना टीकाकरण वे खुद करेंगे क्योंकि स्वास्थ्य राज्य के क्षेत्र में आता है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया कि इतनी बड़ी तादाद में लोगों को टीका देना पूरी मानवता के लिए बहुत बड़ी सफलता है।
- देश में सात कंपनियाँ अलग-अलग कोरोना वैक्सीन बना रही हैं। तीन वैक्सीन पर काम चल रहा है। ऐसी वैक्सीन पर भी काम चल रहा है, जिसे नाक से दिया जा सकेगा।
- हमारी सरकार ने साल भर में दो कोरोना टीकों को विकसित कर लिया। सरकार ने अब तक 23 करोड़ लोगों को कोरोना टीका दे दिया।
- मोदी : स्वास्थ्य कर्मियों व फ्रंटलाइन वर्कर्स को पहले वैक्सीन लगाने का फैसला किया गया क्योंकि वे जोखिम का सामना अधिक करते हैं। कल्पना करिए कि दूसरी लहर के पहले वैक्सीन न लगती तो क्या होता।
- मोदी : हमने चरणबद्ध तरीके से टीकाकरण शुरू किया और पहले वारियर्स को टीका लगाया फिर बुजुर्गो को।
- मोदी : बच्चों के लिए भी दो वैक्सीन के ट्रायल चल रहे हैं।
राज्यों पर क्या कहा मोदी ने?
- मोदी : इस साल 16 जनवरी से 21 अप्रैल तक टीकाकरण केंद्र सरकार के अधीन ही चल रहा था।
- मोदी : इस बीच कई राज्य सरकारों ने कहा कि वैक्सीन का काम विकेंद्रीकृत किया जाए और राज्यों पर छोड़ दिया।
- मोदी : राज्यों की माँग को देखते हुए 16 जनवरी से चली आ रही व्यवस्था में प्रयोग के तौर पर बदलाव किया गया।
- मोदी : 25 फ़ीसदी का काम राज्यों को सौंप दिया गया, यह काम 1 मई से राज्यों को सौंप दिया गया।
- मोदी : इसके लिए राज्यों ने प्रयास भी किए और साथ भी यह अनुभव भी किया कि इस दिशा में कितनी परेशानियाँ आती हैं। मई में दो सप्ताह बीतते बीतते कई राज्य यह कहने लगे कि पहले वाली व्यवस्था ही सही थी।
- जब बीजेपी की सरकार सत्ता में आई, टीकाकरण 60 प्रतिशत था। हमारी सरकार ने पाँच साल में इसे बढ़ा कर 90 प्रतिशत कर दिया। हमने युद्ध स्तर पर टीकाकरण का काम किया।
- देश के कोने-कोने से दवाएं मँगाई गईं, कोई कोर कसर नहीं छोड़ा गया। ऑक्सीजन उत्पादन कई गुणे बढ़ाया गया। सरकार ने दुनिया भर से ज़रूरी दवाएं मंगाईं।
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र को ऐसे समय संबोधित किया है, जब कोरोना संक्रमण की रफ़्तार पहले से धीमी हो गई है। रोज़ाना संक्रमित होने वाले और कोरोना से मरने वालों की तादाद अपने उच्चतम सीमा पर पहुँच कर नीचे गिरने लगी है।
सोमवार की सुबह स्वास्थ्य मंत्राल से जारी आँकड़ों के अनुसार, बीते 24 घंटों में संक्रमण के नए 1 लाख 636 मामले दर्ज किए गए, 61 दिनों बाद इतने कम दैनिक मामले सामने आए हैं। इससे कम मामले 6 अप्रैल को 96,982 दर्ज किए गए थे।
इसके अलावा कुल कोविड-19 मरीजों की तादाद 2 करोड़ 89 लाख 9 हजार 975 हो गई है। दूसरी ओर, इस दौरान 2,427 की मौत हुई है और मृतकों का कुल आँकड़ा 3 लाख 49 हजार 186 हो गया है।
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