सीबीएसई ने एक खास मकसद के तहत दसवीं क्लास की किताबों से कई चैप्टर हटा दिए। ये चैप्टर भारत की विविधता, उसके संघर्ष के बयान करते थे। कई दशक से पढ़ाए जा रहे प्रसिद्ध उर्दू शायर फैज अहमद की कविताओं के अंश भी इसका शिकार हुए, जिन्हें दसवीं क्लास की किताब से हटाया हैं। लोकतंत्र और विविधता, सेंट्रल इस्लामिक लैंड्स, शीत युद्ध और गुटनिरपेक्ष सम्मेलन, मैथ्स से जुड़े चैप्टर भी हटाए गए हैं। सीबीएसई ने इन्हें हटाने का कारण नहीं बताया है। लेकिन ये ऐसा यक्ष प्रश्न नहीं है जो किसी को समझ में नहीं आएगा।



केंद्र में बीजेपी की सरकार है। विपक्ष का आरोप है कि बीजेपी सभी सरकारी संस्थाओं में चीजों को अपनी विचारधारा के अनुसार लागू कर रही है। शिक्षा चूंकि समाज का एक महत्वपूर्ण अंग है, इसलिए इसमें भी बीजेपी अपनी पंसद और अपनी विचारधारा के हिसाब से हर चीज को पढ़ाना चाहती है। खासकर वो इतिहास को ही बदलना चाहती है।