एनसीईआरटी द्वारा पाठ्यपुस्तकों में किये जाने वाले बदलावों की घोषणा एक बुकलेट के जरिए की गई थी, जिसे एनसीईआरटी की आधिकारिक वेबसाइट पर भी अपलोड किया गया था और औपचारिक रूप से सभी स्कूलों के साथ भी साझा किया गया था।
पाठ्यक्रमों में हो रहे बदलावों के बीच उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद भी अपने पाठ्यक्रम में बदलाव कर रहा है। हालिया बदलावों को छोड़ दिया जाए तो यूपी बोर्ड का पाठ्यक्रम बहुत बड़ा और बहुत ज्यादा जटिल माना जाता रहा है।
सीबीएसई ने दसवीं और ग्यारहवीं के पाठ्यक्रम से कई चैप्टर हटा दिए हैं। इस पर विवाद हो सकता है। जो छात्र अब नए पाठ्यक्रम के हिसाब से पढ़ेंगे, वो उन बातों को, उस इतिहास को नहीं जान पाएंहे।
सीबीएसई की 10वीं अंग्रेजी बोर्ड परीक्षा के पेपर के एक गद्यांश पर विवाद क्यों हो गया? आख़िर सीबीएसई को उस पैसेज को क्यों हटाना पड़ा? जानिए, अब परीक्षा देने वाले छात्रों का क्या होगा।
सीबीएसई ने स्कूल के सिलेबस से लोकतांत्रिक अधिकार, नागरिकता, धर्मनिरपेक्षता, संघवाद और भारत में खाद्य सुरक्षा जैसे प्रमुख अध्यायों को स्कूली पाठ्यक्रमों से हटा दिया है। विपक्षी दलों ने सरकार की आलोचना की।