क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो महीने से अधिक समय से चल रहे किसान आन्दोलन और उसे स्थानीय से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिलने वाले समर्थन से बौखला गए हैं? क्या वे यह बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं कि लोग इससे जुड़ते जा रहे है? ये सवाल इसलिए पूछे जा रहे हैं कि उन्होंने बजट सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई बहस में आन्दोलनकारियों और उन्हें समर्थन देने वालों पर तीखा तंज किया।
मोदी ने प्रदर्शनकारियों पर किया तंज, कहा, देश को उनसे बचाना है
- देश
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- 8 Feb, 2021
क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो महीने से अधिक समय से चल रहे किसान आन्दोलन और उसे स्थानीय से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिलने वाले समर्थन से बौखला गए हैं? क्या वे यह बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं कि लोग इससे जुड़ते जा रहे है?

प्रधानमंत्री ने संसद में बहस में भाग लेते हुए कहा कि देश को 'फ़ॉरन डिस्ट्रक्टिव आइडियोलॉजी' यानी 'एफ़डीएआई' से बचाना ज़रूरी है। उन्होंने कहा, "देश का विकास हो रहा है और हम एफ़डीआई की बात कर रहे हैं। पर देश में एक नए किस्म की एफ़डीआई आ रही है। हमें देश को इस एफ़डीआई से बचाना है।"
प्रधानमंत्री ने संसद में बहस में भाग लेते हुए कहा,