केंद्र सरकार ने जल्दबाजी में और किसानों से बग़ैर पूर्व सलाह मशविरा के कृषि क़ानून पारित करने के आरोप को एक बार फिर ख़ारिज कर दिया है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि इन क़ानूनों पर बातचीत दो दशक से भी लंबे समय से चल रही थी।
20 साल से चल रही थी कृषि क़ानूनों पर बहस: केंद्र
- देश
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- 15 Jan, 2021

केंद्र सरकार ने जल्दबाजी में और किसानों से बग़ैर पूर्व सलाह मशविरा के कृषि क़ानून पारित करने के आरोप को एक बार फिर ख़ारिज कर दिया है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि इन क़ानूनों पर बातचीत दो दशक से भी लंबे समय से चल रही थी।
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफ़नामे में इसके साथ ही यह भी दावा किया है पूरे देश के किसान इन क़ानूनों से खुश हैं, बस कुछ स्वार्थी ग़ैर-किसान तत्व लोगों को ग़लत जानकारी दे रहे हैं और सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार कर रहे हैं।
कांग्रेस शासन
यह बेहद दिलचस्प बात है कि पिछले छह साल से राज कर रही सरकार यह दावा कर रही है कि इन कृषि क़ानूनों पर विमर्श 20 साल से चल रहा है, यानी वह जिस कांग्रेस से पूरे देश को मुक्त कराने की बात करती है, उसके प्रयासों का भी श्रेय लेना चाहती है।