केंद्र सरकार ने जल्दबाजी में और किसानों से बग़ैर पूर्व सलाह मशविरा के कृषि क़ानून पारित करने के आरोप को एक बार फिर ख़ारिज कर दिया है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि इन क़ानूनों पर बातचीत दो दशक से भी लंबे समय से चल रही थी।