भारत में बीते एक साल में किसान आंदोलन के कारण सियासी माहौल गर्म रहा। कोरोना जैसी महामारी के बीच भी किसान आंदोलन लगातार चलता रहा और तमाम विपक्षी सियासी दल भी किसानों के साथ खड़े रहे। बीजेपी और मोदी सरकार शुरू में किसान आंदोलन के प्रति आक्रामक दिखे और किसानों को अपमानित करते रहे लेकिन अंतत: उन्हें हथियार डालने ही पड़े।
किसान आंदोलन से मिली सियासी बढ़त को बरकरार रख पाएगा विपक्ष?
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- 20 Nov, 2021
किसान आंदोलन के दौरान विपक्षी दलों ने भी मोदी सरकार को जमकर घेरा। लेकिन कृषि क़ानून वापस होने के बाद क्या अब बीजेपी डैमेज कंट्रोल कर लेगी?
इस एक साल के दौरान विपक्ष ने इस आंदोलन के जरिये बीजेपी को ख़ूब घेरा और पांच राज्यों के चुनाव से पहले उसे जबरदस्त दबाव में ला दिया। इससे निश्चित रूप से उसे सियासी बढ़त भी मिली, जो उसे चुनावी राज्यों में फ़ायदा पहुंचा सकती थी।
माना जा रहा था कि अगर किसान आंदोलन जारी रहता है तो विपक्षी दलों ने जो सियासी बढ़त बीजेपी पर हासिल कर ली है, उसका असर नतीजों पर भी दिखेगा। लेकिन मोदी सरकार ने कृषि क़ानून वापस लेकर इस समीकरण को बिगाड़ दिया।