दिल्ली पुलिस ने ज़फ़रुल इसलाम पर राजद्रोह का मुक़दमा दर्ज़ कर एक बार फिर एक बहस छेड़ दी है। क्या सिर्फ सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर देने से राजद्रोह का मामला बनता है? क्या सिर्फ फ़ेसबुक पर कुछ कथित तौर पर ‘'भड़काऊ' पोस्ट कर देने से ही राजद्रोह हो जाता है?