स्वास्थ्य और महामारी से जुड़े विशेषज्ञों ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के सरकार के तौर-तरीकों की तीखी आलोचना करते हुए कहा है कि इस स्थिति में यह संक्रमण नहीं रोका जा सकता है। सरकार पर सवाल उठाने वालों में आईसीएमआर शोध समूह के दो विशेषज्ञ भी हैं।
ऐसे नहीं रुकेगा संक्रमण!
इंडियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन, इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रीवेन्टिव मेडिसिन और इंडियन एसोसिएशन ऑफ़ एपीडेमियोलॉजिस्ट्स ने एक साझे बयान में सरकार की आलोचना की है। इन्होंने कहा है,“
'यह उम्मीद करना अव्यवहारिक है कि इस स्थिति में कोरोना को ख़त्म किया जा सकता है क्योंकि देश के बड़े हिस्से में सामुदायिक संक्रमण अच्छी तरह स्थापित हो चुका है।'
विशेषज्ञों के साझे बयान का अंश
सख़्त लॉकडाउन के बावजूद संक्रमण
इस साझे बयान में कहा गया है कि 25 मार्च से 30 जून तक का लॉकडाउन बहुत ही सख़्त रहा है, इसके बावजूद संक्रमण बहुत फैला है।इसमें यह भी कहा गया है कि यह लॉकडाउन एक मॉडलिंग के नतीजों के आधार पर लगाया गया, लेकिन वह मॉडलिंग बहुत ही बुरा था, इससे बुरा हो नहीं सकता।
इसके साथ ही इस बयान में यह भी कहा गया है कि यदि सरकार ने महामारी विशेषज्ञों से सलाह मशविरा की होती तो नतीजा बिल्कुल अलग होता, लेकिन सरकार ने उन लोगों से ही कोई संपर्क नहीं किया, जो इस क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं।
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