कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने पेंशन को लेकर नए नियम और एक फॉर्म जारी किया है। इसका फायदा उन्हें मिल सकता है जो कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के तहत उच्च पेंशन के हकदार हैं, लेकिन इसके लिए आवेदन नहीं कर सके थे। ईपीएफओ ने इसके लिए नियोक्ता (एम्प्लायर) और कर्मचारी के संयुक्त आवेदनों को मंजूरी दी है। अतिरिक्त पेंशन लाभ के लिए आवेदन अब 3 मार्च, 2023 तक जमा किए जा सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने पात्र ग्राहकों को ईपीएस के तहत उच्च पेंशन का विकल्प चुनने के लिए चार महीने की समय सीमा दिए जाने के बाद ईपीएफओ ने नए दिशानिर्देश जारी किए हैं।
22 अगस्त, 2014 को ईपीएस योजना में पेंशन योग्य वेतन सीमा को 6,500 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया था। साथ ही, हर कर्मचारी के वास्तविक वेतन का 8.33 प्रतिशत नियोक्ता और कर्मचारी दोनों द्वारा ईपीएस में योगदान देने का नियम था। नवंबर 2022 में, सुप्रीम कोर्ट ने श्रमिकों की पेंशन (संशोधन) योजना, 2014 की पुष्टि की थी। उसके बाद ईपीएफओ ने नए आदेश पेंशन के संबंध में जारी किए हैं।
आसान शब्दों में इस तरह समझा जा सकता है कि 2014 में पेंशन योग्य सैलरी में बदलाव हुआ था। उस बदलाव का लाभ उठाने के लिए आपको ईएफपीओ के दफ्तर में जाकर एक फॉर्म भरना है। उस पर आपके और आपकी कंपनी मालिक के हस्ताक्षर होंगे। इस तरह आप ज्यादा पेंशन के हकदार हो जाएंगे। लेकिन पेंशन अवधि के दौरान कटने वाली राशि आपको देना होगी। यह योजना उन लोगों के लिए ज्यादा फायदेमंद है जिन्होंने 2014 के बाद नौकरी छोड़ दी और योजना का लाभ नहीं ले पाए थे।
ईपीएफओ ने बताया है कि उसके फील्ड कार्यालयों में संयुक्त विकल्प फॉर्म उपलब्ध हैं। वहां पर जल्द ही सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि क्षेत्रीय पीएफ आयुक्त नोटिस और बैनर लगाकर जनता को शिक्षित करेंगे। हर एप्लिकेशन को डिजिटल रजिस्ट्रेशन, लॉगिंग और रसीद संख्या मिलेगी।
ऐसे सभी फॉर्मों की क्षेत्रीय भविष्य निधि कार्यालय के प्रभारी अधिकारी द्वारा सावधानीपूर्वक जांच की जाएगी। आवेदक को परिणाम के बारे में ईमेल, नियमित मेल और फिर एसएमएस के माध्यम से सूचित किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करने के लिए ईएफपीओ ने 29 दिसंबर 2022 को एक सर्कुलर जारी किया था। सर्कुलर के अनुसार, पात्रता उन कर्मचारियों तक सीमित है, जिन्होंने रिटायरमेंट से पहले उच्च पेंशन का विकल्प चुना है और अपने वेतन से बड़ा ईपीएफ योगदान किया है। सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि 1 सितंबर, 2014 से पहले विकल्प का उपयोग किए बिना रिटायर होने वाले कर्मचारियों को सदस्य नहीं माना जाता है। 2014 के संशोधन के अनुसार, केवल वे कर्मचारी जो इस विकल्प का उपयोग करते हैं, इस लाभ के लिए पात्र होंगे।
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