चुनाव आयोग ने 'विकसित भारत' संदेश भेजने को तुरंत रोकने का निर्देश दिया है। यह संदेश केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भेज रहा था। यह प्रधानमंत्री मोदी का चुनाव से पहले का अभियान है जिसमें लोगों के व्हाट्सएप पर 'विकसित भारत' संदेश भेज कर सरकार के 10 साल के कार्यकाल का गुणगान किया जा रहा था।
चुनाव आयोग ने कहा है कि चुनाव घोषणा के बाद फ़िलहाल आदर्श आचार संहिता लागू है। इस वजह से व्हाट्सएप पर 'विकसित भारत' संदेश को तुरंत रोकने का निर्देश दिया गया है। चुनाव आयोग ने मंत्रालय से इस मामले पर अनुपालन रिपोर्ट भी मांगी है। यह कार्रवाई तब की गई जब इसको लेकर कई शिकायतें चुनाव आयोग को की गईं।
चुनाव आयोग ने कहा है कि उसे कई शिकायतें मिली हैं कि 'विकासित भारत संपर्क' के तहत भेजे गए संदेश चुनाव की घोषणा और एमसीसी के लागू होने के बावजूद अभी भी नागरिकों के फोन पर भेजे जा रहे हैं।
इसके जवाब में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने ईसीआई को बताया कि यद्यपि संदेश एमसीसी के लागू होने से पहले भेजे गए थे, उनमें से कुछ को प्रणालीगत और नेटवर्क सीमाओं के कारण संभवतः देरी से लोगों तक पहुंच पाया।
ईसीआई ने कहा कि यह क़दम आगामी आम चुनावों में समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है। लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा के बाद एमसीसी यानी आदर्श आचार संहिता लागू हो गयी है। 16 मार्च को ईसीआई की घोषणा के अनुसार, चुनाव 19 अप्रैल से 1 जून तक सात चरणों में होंगे और परिणाम 4 जून को घोषित किए जाएंगे।
मंत्रालय द्वारा भेजे गए संदेश में सरकार की विभिन्न नीतियों और योजनाओं के बारे में बताते हुए लोगों से प्रतिक्रिया और सुझाव भी मांगे गए हैं। जिस हैंडल से संदेश भेजे गए थे, उसके प्रोफाइल में लिख हुआ है- 'विकसित भारत संपर्क प्रमुख योजनाओं के मूल्यांकन और इसके कार्यान्वयन और वितरण में सुधार के लिए भारत सरकार की एक सतत पहल है।' इसमें MeitY का पता भी बताया गया है और इसकी वेबसाइट का लिंक भी है।
चुनाव आयोग की ताजा कार्रवाई तमिलनाडु के लोगों के खिलाफ उनकी कथित अपमानजनक टिप्पणियों पर डीएमके की शिकायत के आधार पर केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को निर्देश देने के बाद आई है। पैनल ने कैबिनेट सचिव, सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और मुख्य चुनाव अधिकारियों को सभी अनधिकृत राजनीतिक विज्ञापनों को हटाने का भी आदेश दिया था।
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