केंद्र सरकार ने बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के डायरेक्टर संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल बढ़ाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। लाइव लॉ और अन्य न्यूज एजेंसियों के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट इस पर 27 जुलाई यानी कल सुनवाई करने को तैयार हो गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने पिछले फैसले में कहा था कि ईडी निदेशक के रूप में एस.के. मिश्रा का कार्यकाल 31 जुलाई को आखिरी दिन होगा। सरकार उससे पहले नया ईडी डायरेक्टर खोज ले।
सुप्रीम कोर्ट ने पहले माना था कि ईडी प्रमुख संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल का तीसरा विस्तार "अवैध" है जो उन्हें नवंबर 2022 में दिया गया था।
संजय मिश्रा को 2018 में दो साल के निश्चित कार्यकाल के साथ ईडी प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था। फिर, 2020 से शुरू करके, उन्हें तीन बार एक साल का विस्तार दिया गया।
हालाँकि, SC ने केंद्रीय सतर्कता आयोग (संशोधन) अधिनियम, 2021, दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना (संशोधन) अधिनियम, 2021 और मौलिक (संशोधन) नियम, 2021 में संशोधन को भी बरकरार रखा, जो सभी केंद्र को प्रमुख रखने की अनुमति देते हैं। ईडी और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का कार्यकाल पांच साल तक है।
केंद्र सरकार ने तब कहा था कि “यह किसी एक व्यक्ति विशेष के लिए उमड़ा प्यार नहीं था बल्कि मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के सीमा पार से होने वाली गतिविधियों को रोकने के मद्देनजर है। भारत FATF का सदस्य है। संजय मिश्रा ही एफएटीएफ से सारी बातचीत करते रहे हैं। इसलिए वही उस संस्था से निपटने के लिए सबसे उपयुक्त है। कभी-कभी, जब आप दुनिया की जांच एजेंसियों के साथ काम कर रहे होते हैं तो निरंतरता की आवश्यकता होती है। हमारी समीक्षा में यह बात सबसे अहम थी।
सुप्रीम कोर्ट के अंतिम आदेश के अनुसार, मिश्रा को एफएटीएफ समीक्षा के मद्देनजर और ई़डी निदेशक के सुचारू फेरबदल के लिए उन्हें 31 जुलाई तक ईडी प्रमुख के रूप में काम करने की अनुमति दी गई थी।
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