लाल डायरी को लेकर चर्चा में आए और अपनी ही सरकार पर सवाल उठाने के कारण बर्खास्त किए गए राजस्थान के पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने शिवसेना के शिंदे गुट का दामन थाम लिया है। कांग्रेस के विधायक राजेंद्र गुढ़ा मंत्री पद से बर्खास्त किए जाने के बाद राजस्थान सरकार पर खुलकर हमलावर थे। कांग्रेस छोड़ कर शिवसेना शिंदे गुट में शामिल होने वाले राजेंद्र गुढ़ा इससे पहले बसपा में भी रह चुके हैं।
राजेंद्र गुढ़ा ने शनिवार को महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे की उपस्थित में अपने पैतृक गांव गुढ़ा (नीमकाथाना) में पार्टी जॉइन की है। उन्हें पार्टी में समन्वयक की जिम्मेदारी दी गई है। शिंदे ने गुढ़ा को शिवसेना का दुपट्टा पहनाकर पार्टी में उनका स्वागत किया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस मौके पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एक साल पहले यहीं पर अशोक गहलोत ने कहा था कि गुढ़ा के कारण ही मैं मुख्यमंत्री हूं, फिर उन्हीं गुढ़ा को ही बर्खास्त कर दिया।
इस मौके पर महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि अशोक गहलोत ने जो किया है उसका जवाब राजस्थान की जनता देगी। उन्होंने उपस्थित लोगों से पूछा कि गुढ़ा ने क्या गलती की थी, सच्चाई का साथ देना गुनाह है क्या? शिंदे ने कहा कि राजेंद्र गुढ़ा ने राजस्थान में कानून व्यवस्था, महिलाओं के खिलाफ अत्याचार की ही तो आवाज उठाई थी। गुढ़ा ने मंत्री पद छोड़ा, सच्चाई नहीं छोड़ी है। उन्होंने कहा कि राजस्थान की वीरता और महाराष्ट्र की वीरता का मिलन सुखद है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में रहने वाले हर राजस्थानी का हम ध्यान रखेंगे।
पिछली सरकार ने महाराष्ट्र को पीछे धकेलने का काम किया
इस मौके पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि राजेंद्र गुढ़ा की तरह ही मैंने भी मंत्री पद छोड़ा था। मैंने बाला साहेब के विचारों और आदर्शों के लिए मंत्री पद छोड़ा था। वहीं राजेंद्र गुढ़ा ने सचाई के लिए मंत्री पद छोड़ा है। राजस्थान का विकास होना चाहिए। इसके लिए राजस्थान में कानून-व्यवस्था अच्छी होनी चाहिए। एकनाथ शिंदे ने कहा कि महाराष्ट्र की पिछली सरकार में कांग्रेस भी शामिल थी। कांग्रेस ने महाराष्ट्र को विकास के मामले में 10 -15 वर्ष पीछे धकेल दिया। पहले हमारा राज्य उद्योग और कारोबार में नंबर एक पर था, वे इसे तीसरे-चौथे नंबर पर ले गए। राज्य में विकास को ठप कर दिया और भ्रष्टाचार शुरू हो गया।शिंदे ने कहा कि, हमारी एनडीए की डबल इंजन की सरकार आने के बाद महाराष्ट्र को हमने फिर से एक नंबर पर ला दिया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में विकास की अपार संभावना है, इस राज्य को आगे बढ़ाना है। राज्य में खनन उद्योग में बहुत क्षमता है। किसानों को आगे बढ़ाने के लिए बेहतर योजनाएं हम ला सकते हैं। शिंदे ने कहा कि महिलाओं को सशक्त करना और उनकी सुरक्षा करना जरूरी है।
लाल डायरी ने बढ़ाया था राजनैतिक तापमान
राजस्थान सरकार से बर्खास्त मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा और उनकी लाल डायरी ने पिछले दिनों राजस्थान की राजनीति का तापमान बढ़ा दिया था। गुढ़ा ने विधानसभा के अंदर और बाहर इसकी चर्चा की, मीडिया से बात करते हुए कई सनसनीखेज आरोप लगाए। सवाल उठने लगा कि आखिर उस लाल डायरी में ऐसा क्या है जिसकी चर्चा गुढ़ा कर रहे हैं।इस डायरी और गुढ़ा के बयानों के कारण जुलाई में राजस्थान विधानसभा में जमकर हंगामा हो चुका है। वह विधानसभा में भी लाल डायरी लेकर पहुंचे थे। स्पीकर के सामने वह डायरी लहराने लगे थे। संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल से उनकी नोकझोंक भी हो गई थी। उन्होंने धारीवाल का माइक नीचे कर दिया था। जमकर हुए हंगामे के बाद धारीवाल ने गुढ़ा और भाजपा के विधायक मदन दिलावर को निलंबित करने का प्रस्ताव सदन में रखा, जिसे सदन ने पारित कर दिया था।
इसके बाद हंगामा यहीं नहीं खत्म हुआ। स्पीकर ने गुढ़ा को सदन से बाहर करने का आदेश दिया था। इसके लिए मार्शल बुलाए गए और गुढ़़ा को सदन से बाहर कर दिया गया था। सदन से बाहर होने के बाद वह बेहद भावुक हो गए थे और सीएम अशोक गहलोत पर जमकर भड़ास निकाली थी। कहा कि पहले सीएम साहब ने रसगुल्ले दिए थे, आज घूंसे मार दिए।
सदन से निकाले जाने पर कहा कि विधानसभा में लगभग 50 लोगों ने मुझ पर हमला किया था। मुझे मुक्का मारा, लात मारी और कांग्रेस नेताओं ने मुझे विधानसभा से खींचकर बाहर निकाल दिया। तब उन्होंने कहा था कि राजस्थान विधानसभा के सदस्य होने के बावजूद मुझे बोलने तक नहीं दिया। मेरे ऊपर आरोप लगे कि मैं बीजेपी के साथ हूं। मैं जानना चाहता हूं कि मेरी गलती क्या है?
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