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फाइल फोटो

यह केवल वहीं हो सकता है जहां कोई लोकतंत्र नहीं है : पी चिदंबरम 

9 सितंबर की शाम जी-20 नेताओं के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा डिनर का आयोजन किया गया है। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को नहीं बुलाने पर पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने सरकार की आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि यह केवल वहीं हो सकता है जहां कोई लोकतंत्र नहीं है।

उन्होंने सोशल मीडिया साइट्स एक्स पर ट्वीट कर लिखा है कि मैं किसी और लोकतांत्रिक देश की सरकार की कल्पना नहीं कर सकता कि वह विश्व नेताओं के लिए राजकीय रात्रिभोज में विपक्ष के मान्यता प्राप्त नेता को आमंत्रित न करे।  

पी चिदंबरम ने कहा कि ऐसा केवल उन्हीं देशों में हो सकता है जहां न तो लोकतंत्र है और न ही विपक्ष। मुझे आशा है कि इंडिया, यानी भारत, उस स्थिति में नहीं पहुंचा है जहां लोकतंत्र और विपक्ष का अस्तित्व समाप्त जाए। 

उन्होंने कहा कि, मुझे मीडिया के जरिए यह जानकारी मिली है कि जी- 20 में राष्ट्रपति के द्वारा आयोजित नेताओं के डिनर में कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को नहीं बुलाया गया है। 
वहीं कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने राष्ट्रपति के डिनर पार्टी में नहीं बुलाने पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि उन्हें (केंद्र) लो लेवल की राजनीति नहीं करनी चाहिए। यह अच्छा नहीं है।

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मोदी विपक्ष के नेता होंगे तो हम जरूर बुलाएंगे

वहीं शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने भी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को  जी-20 डिनर में नहीं बुलाए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। 
उन्होंने कहा है कि आपने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को डिनर में बुलाया है, जबकि आपको मालूम है कि मनमोहन सिंह की तबीयत ठीक नहीं है वह नहीं आने वाले हैं। लेकिन विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को नहीं बुलाया है। 
उन्होंने कहा कि अगर लोकतंत्र में विपक्ष के नेता को स्थान नहीं है तो यह तानाशाही है। संजय राउत ने कहा है कि इतना बड़ा सम्मेलन देश में हो रहा है, आपको सबको बुलाकर बात करनी चाहिए थी। 2024 में हमारी सरकार आएगी, हम सत्ता में रहेंगे तो इस तरह की गलती हम नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर मोदी जी विपक्ष के नेता होंगे तो उन्हें भी न्योता दिया जाएगा। 

कांग्रेस नेता ने कहा था "मोदी है तो मनु है"

जी-20 डिनर में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को नहीं बुलाने पर तमिलनाडु कांग्रेस के एक नेता मोहन कुमारमंगलम ने शुक्रवार को केंद्र सरकार की आलोचना की थी।
कुमारमंगलम ने कहा था कि "मोदी है तो मनु है"। उन्होंने कहा था कि खरगे को इसलिए नहीं बुलाया गया , क्योंकि वे दलित हैं। उनके इस बयान के साथ ही कांग्रेस पार्टी ने सरकार के इस कदम को दलित विरोधी बताया था। माना जा रहा आने वाले दिनों में कांग्रेस इस घटना को दलितों के अपमान से जोड़ कर उठाएगी। 
मोहन कुमारमंगलम कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महर्षि मनु की विरासत को थामे हुए हैं। ऐसे कई आयोजनों में निचली जाति के नेताओं को नहीं बुलाया गया है। उन्होंने कहा था कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर के भूमिपूजन में आमंत्रित नहीं किया गया था। 
वहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी नई संसद के उद्घाटन समारोह में नहीं बुलाया गया था। इंडिया टुडे वेबसाइट की एक रिपोर्ट के मुताबिक तमिलनाडु कांग्रेस के मोहन कुमारमंगलम ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी प्राचीन हिंदू ऋषि महर्षि मनु की विरासत को कायम रख रहे हैं। जिन्होंने मनुस्मृति लिखी थी, जिसे अक्सर 'हिंदू आचरण के लिए मार्गदर्शक' के रूप में वर्णित किया जाता है। जाति-आधारित भेदभाव को बढ़ावा देने के लिए कई विद्वानों द्वारा इसकी आलोचना की गई है। कांग्रेस नेता कुमारमंगलम ने कई उदाहरणों का हवाला दिया जहां पिछड़े वर्ग के नेताओं को महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में आमंत्रित नहीं किया गया। 
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राहुल गांधी ने कहा था यह सरकार की सोच को दर्शाता है

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को जी-20 रात्रिभोज में नहीं बुलाए जाने पर सरकार की आलोचना की है। यूरोप दौरे पर गए राहुल ने कहा है कि यह सरकार की सोच को दर्शाता है। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि, मल्लिकार्जुन खरगे को इस आयोजन में नहीं बुलाया जाना बताता है कि सरकार विपक्ष के नेता को महत्व नहीं देती है। उन्होंने हमें जी - 20 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित नहीं किया। वे देश की 60 प्रतिशत आबादी के नेतृत्व को महत्व नहीं देते हैं।
इस वर्ष यह राहुल का तीसरा विदेश दौरा है। इससे पहले वह मार्च में ब्रिटेन और जून में अमेरिका के  दौरे पर गए थे।कांग्रेस नेता राहुल गांधी का यह विदेश दौरा ऐसे समय हो रहा है जब नई दिल्ली में जी - 20 देशों का शिखर सम्मेलन हो रहा है। राहुल गांधी इस सम्मेलन के खत्म होने के बाद भारत लौटेंगे। 
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क़मर वहीद नक़वी
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