लद्दाख में क़रीब दो महीने से चल रहे भारत चीन सीमा विवाद के बीच चीनी सेना के साथ ही भारतीय सैनिकों ने पीछे हटने की प्रक्रिया तो शुरू कर दी है, लेकिन सवाल है कि क्या भारत ने डोकलाम विवाद से सबक़ लिया है। जिस तरह से चीन ने क़रीब तीन साल पहले डोकलाम में घुसपैठ की थी, बिल्कुल उसी तरीक़े से इसने लद्दाख में भी की और फिर बातचीत के बाद वह पीछे हटने को भी राज़ी हुआ। रिपोर्टें आती रही हैं और विशेषज्ञ भी कहते रहे हैं कि डोकलाम में भी चीन ने पहले घुसपैठ की थी, फिर पीछे हटा था, लेकिन उसके बाद भी उसने सीमा के पास सैनिक ढाँचा खड़ा करता रहा, सड़कें बनाता रहा और अपनी स्थिति मज़बूत करता रहा। यानी पीछे हटने के नाम पर वह भारत को धोखा देता रहा! तो इस बार क्या ऐसे किसी धोखे से बचने का उपाय भारत ने लद्दाख में किया है?