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गलवान घाटी से चीनी सेना के वापस जाने की ख़बरों के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर ट्वीट कर अपनी बात कही है। राहुल ने भारत और चीन की ओर से इस संबंध में जारी किए गए आधिकारिक बयानों को ट्वीट किया है और कुछ सवाल पूछे हैं।
राहुल ने कहा है, ‘राष्ट्र हित सर्वोपरि है और इसकी रक्षा करना भारत सरकार का कर्तव्य है। तो फिर, युद्ध से पहले वाले हालात पर जोर क्यों नहीं दिया गया है? चीन को हमारे क्षेत्र में 20 निहत्थे जवानों की हत्या को सही ठहराने की अनुमति क्यों दी गई है? गलवान घाटी की क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लेख क्यों नहीं किया गया है?’
राहुल ने चीनी विदेश मंत्रालय का जो बयान ट्वीट किया है, उसमें उन्होंने दो लाइंस को हाइलाइट किया है। इन लाइंस में लिखा है - ‘गलवान घाटी में हाल ही में जो कुछ भी सही या ग़लत हुआ, वह पूरी तरफ साफ है। चीन पूरी मजबूती के साथ अपनी क्षेत्रीय संप्रुभता की रक्षा करेगा और साथ ही सीमाई इलाक़ों में शांति बनाए रखने पर भी जोर देगा।’
इससे पहले पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री को अपने पहले दिए गए बयान कि भारत की सीमाओं में कोई घुसपैठ नहीं हुई है, को लेकर माफी मांगनी चाहिए।
खेड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री को देश को भरोसे में लेते हुए, देश से माफ़ी मांगते हुए कहना चाहिए कि वह गलत थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को यह भी साफ करना चाहिए कि अभी भी हमारी कितनी ज़मीन चीन के कब्जे में है। चीनी सेना के वापस जाने की ख़बरों पर देखिए, वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष का वीडियो -
गलवान में चीनी घुसपैठ और जवानों की शहादत को लेकर कांग्रेस का रूख़ बेहद आक्रामक रहा। कांग्रेस कह चुकी है कि 15 जून की रात के बाद से ही सीमाओं की ज़मीनी हक़ीक़त को लेकर देश के लोगों को अंधेरे में रखा जा रहा है। पार्टी ने कहा था कि चुप रहने का समय ख़त्म हो गया है और अब जवाब देने का समय है।
पार्टी ने पूछा था कि पीएम मोदी हमारे शहीदों को इंसाफ़ कैसे दिलाएंगे और कब वह गलवान में हुई हिंसा और हमारी सीमा में घुसपैठ के लिए खुलकर चीन का नाम लेंगे और सरकार इस मामले में चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र कब बुलाएगी।
राहुल गांधी ने भी कहा था, ‘लद्दाख के लोग कह रहे हैं कि चीन हमारी ज़मीन ले रहा है और प्रधानमंत्री कहते हैं कि हमारी ज़मीन किसी ने नहीं ली है। जाहिर है, कोई न कोई झूठ बोल रहा है।’
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