दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को छह साल के लिए किसी भी चुनाव में भाग लेने से अयोग्य घोषित करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। याचिका में आरोप लगाया गया था कि पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में अपने हालिया भाषण के दौरान कथित तौर पर 'भगवान और पूजा स्थल' के नाम पर वोट मांगकर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया और इसी आधार पर पीएम मोदी को अयोग्य ठहराने की मांग की गई थी।
आनंद एस जोंधले ने अदालत के सामने प्रधानमंत्री पर कार्रवाई करने के लिए याचिका लगाई थी। आनंद ने अपनी याचिका में कहा था कि पीएम मोदी ने 6 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के पीलभीत में एक चुनावी रैली के दौरान अपनी पार्टी के लिए वोट मांगते समय हिंदू और सिख देवताओं का हवाला दिया था।
दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को याचिका खारिज करते हुए कहा कि याचिका में कोई दम नहीं है। लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने वकील आनंद एस जोंधले द्वारा दायर याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि याचिका 'पूरी तरह से गलत धारणा पर आधारित है' क्योंकि यह भारत के चुनाव आयोग को एक विशेष तरीके से कार्य करने का निर्देश नहीं दे सकती है। बार और बेंच की रिपोर्ट के अनुसार उच्च न्यायालय ने कहा, 'याचिकाकर्ता का मानना है कि उल्लंघन हुआ है। इस अदालत के लिए ईसीआई को एक विशेष दृष्टिकोण अपनाने का निर्देश देना स्वीकार्य नहीं है।'
वकील आनंद एस जोंधले द्वारा दायर याचिका में 9 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में पीएम मोदी द्वारा दिए गए भाषण का हवाला दिया गया। जोंधले ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी ने न केवल हिंदू और सिख देवताओं और उनके पूजा स्थलों के नाम पर वोट मांगे बल्कि विरोधी राजनीतिक दलों को मुस्लिम का पक्ष लेने वाला क़रार देने वाली टिप्पणियाँ भी कीं।
चुनाव आयोग की ओर से पेश वकील सिद्धांत कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग को हर दिन ऐसे आवेदन मिल रहे हैं और वह कानून के अनुसार कार्रवाई करेगा।
उच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग की इस दलील पर भी गौर किया कि वह याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर फैसला करेगा। ईसीआई के वकील सिद्धांत कुमार ने कथित तौर पर कहा कि, 'उनका प्रतिनिधित्व वहां है, हम इसे कानून के अनुसार प्रक्रिया अपनाएँगे।'
पीएम ने कहा था कि इंडिया गठबंधन के दलों ने हमेशा अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से नफरत की है। प्रधानमंत्री ने पीलभीत से भाजपा उम्मीदवार जितिन प्रसाद के समर्थन में रैली के दौरान कहा था, "उन्होंने (विपक्षी दलों ने) राम मंदिर के 'प्राण प्रतिष्ठा' के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया और राम लला का अपमान किया। समारोह में शामिल होने वाले उनकी पार्टी के लोगों को छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया गया।"
उन्होंने आगे कहा था कि इंडिया गठबंधन ने 'शक्ति' को खत्म करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा था, 'जिस शक्ति की पूजा आज पूरे देश में हो रही है, उसका कांग्रेस ने अपमान किया है। शक्ति का कोई भी उपासक कांग्रेस को कभी माफ नहीं करेगा।'
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