दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को मानहानि के मामले में पांच महीने की कैद की सजा सुनाई है। यह मामला दिल्ली के वर्तमान उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने 2001 में दायर किया था। इसके 24 साल बाद अब इस मामले में सजा सुनाई गई है।
वीके सक्सेना मानहानि केस में मेधा पाटकर को 5 माह की जेल
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- 1 Jul, 2024
मेधा पाटकर 1985 में नर्मदा घाटी के पास रहने वाले लोगों के मुद्दों को उजागर करने के लिए नर्मदा बचाओ आंदोलन के माध्यम से सुर्खियों में आई थीं। जानिए, वीके सक्सेना ने क्या आरोप लगाए थे।

अदालत ने पाटकर को सक्सेना को 10 लाख रुपये का हर्जाना देने का भी आदेश दिया। इस साल मई में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट राघव शर्मा की अदालत ने इस मामले में मेधा पाटकर को दोषी ठहराया था। वह 2000 से सक्सेना के साथ कानूनी लड़ाई में उलझी हुई थीं।