खरगौन में राम नवमी के जुलूस के दौरान दंगा... पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागकर भीड़ को खदेड़ा... स्थिति नियंत्रण में.#Khargone #BreakingNews #दंगा pic.twitter.com/4nUWO4GAk3
— Gourav Sharma (@hindgourav) April 10, 2022
मध्य प्रदेश के खरगोन शहर में रविवार को रामनवमी जुलूस के दौरान हिंसा हुई। उसके बाद हालात को काबू करने के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया। शहर में धारा 144 भी लागू की गई है। राज्य में अगले साल चुनाव है। कर्नाटक, राजस्थान के बाद एमपी ऐसा राज्य बन गया है जहां साम्प्रदायिक घटना हुई है। इन तीनों ही राज्यों में अगले साल चुनाव हैं।
इस घटना के जो वीडियो सामने आए हैं, उसमें दंगाइयों को गलियों में घूमते हुए पाया गया है। कुछ स्थानों पर दीवारों को तोड़ा जा रहा है। पुलिस यह बताने में असमर्थ है कि उसने जुलूस में डीजे बजाने की अनुमति दी थी या नहीं। क्योंकि विवाद इसी पर शुरू हुआ था। हालांकि किसी एक वीडियो के आधार पर इस घटना के लिए सिर्फ उसी समुदाय को जिम्मेदार नहीं ठहाराया जा सकता। क्योंकि कुछ विरोधाभासी वीडियो भी सामने आए हैं।
MP के खरगौन में राम नवमी के जुलूस के दौरान दंगा,राम नवमी के जुलूस के दौरान मुस्लिम मुहल्ला काजीपुरा में घुस कर की नारेबाज़ी, खिलाफ़ में हुई पत्थरबाजी,स्तिथि तनावपूर्ण बनी हुई है,जैसे करौली मे हुआ वैसा ही यहा पर हुआ। pic.twitter.com/FTdX55lIOy
— mohd Irfan (@Md_Irfan_078) April 10, 2022
हाल ही में राजस्थान के करौली में भी ठीक इसी तरह के पैटर्न पर साम्प्रदायिक दंगा हुआ। वहां गंगा कलश यात्रा निकाली जा रही थी। इसी दौरान जब युवकों की बाइक यात्रा एक मस्जिद के सामने से गुजर रहा था तो कुछ युवक मस्जिद पर जबरन चढ़ गए और नारे लगाए। इसके बाद वहां भी साम्प्रदायिक हिंसा शुरू हो गई।
देश में भगवा गमछाधारियों द्वारा निकाले जाने वाला जुलूस हिंसा का पर्याय बनता जा रहा है। यह वीडियो मप्र के खरगौन के तालाब चौक का है। @ChouhanShivraj एंव @MPPoliceOnline क्या इन पत्थरबाजों पर बुल्डोजर नहीं चलेगा? ये उपद्रवी धर्म के नाम पर अराजकता फैलाकर विघटनकारी ऐजेंडा चला रहे हैं। pic.twitter.com/1Wkg9NMqUa
— Wasim Akram Tyagi (@WasimAkramTyagi) April 10, 2022
इसी तरह कर्नाटक के कोलार में भी साम्प्रदायिक हिंसा दो दिन दिन पहले हो चुकी है। वहां भी मुलबगल इलाके में जब शोभा यात्रा निकाली जा रही थी, उसी दौरान कुछ उपद्रवियों ने पथराव किया। इसके बाद वहां भी हिंसा भड़क उठी। बड़े पैमाने पर आगजनी की घटना हुई। वहां भी हालात को काबू करने के लिए कर्फ्यू लगाना पड़ा।
एमपी, कर्नाटक और राजस्थान में अगले साल चुनाव हैं। इसके बाद 2014 में आम लोकसभा चुनाव हैं। एमपी और कर्नाटक बीजेपी शासित राज्य हैं, जबकि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है। इन साम्प्रदायिक घटनाओं के पैटर्न बता रहे हैं कि इनका मकसद राजनीतिक है। कतिपय संगठन पार्टी विशेष को फायदा पहुंचाने और अभी से ध्रुवीकरण कराने के लिए जुट गए हैं। आमतौर पर ऐसी घटनाओं के बाद बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां होती हैं और उसके बाद वो एक मुद्दा बन जाता है। तब तक चुनाव आ जाता है।
खरगोन भाईचारे की तस्वीर नकली माना pic.twitter.com/No8Or54kby
— Dhiraja (@Dhiraja12) April 10, 2022
खरगोन में आज हुई घटना से लगता है कि जैसे इसकी तैयारी पहले से रही हो। पुलिस को रामनवमी पर शोभायात्रा निकलने की सूचना थी, लेकिन उसने एहतियातन कोई कदम नहीं उठाया। हिंसा होने के बाद शहर में पुलिस उपद्रवियों को काबू करती नजर आई। अगर पुलिस ने शोभा यात्रा के दौरान बड़े पैमाने पर पुलिस का प्रबंध किया होता तो शायद हिंसा बड़े पैमाने पर नहीं होती।
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