इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर ने कहा है कि कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़कर 415 हो गई है। रविवार को 19 नये मामले सामने आए हैं। भारत में अब तक 7 लोगों की इससे मौत हो गई है। इधर केंद्र सरकार ने कहा है कि राज्य सरकार सख्ती से लॉकडाउन को लागू करवाएँ। लॉकडाउन यानी पाबंदी का उल्लंघन करने वालों के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई किए जाने का निर्देश दिया गया है। बता दें कि 31 मार्च तक देश के कई राज्यों में पूरी तरह तो कई राज्यों में आंशिक लॉकडाउन किया गया है। इसका मतलब है कि सिर्फ़ मेडिकल ज़ैसी ज़रूरी सेवाएँ ही जारी रहेंगी।
बता दें कि कोरोना को फैलने से रोकने के लिए लोगों को अलग-थलग करने के लिए सरकार ने कई सख्त क़दम उठाए हैं। वायरस को फैलने से रोकने के लिए देश के 75 ज़िलों में लॉकडाउन किया गया है। कई राज्यों में तो पूरी तरह लॉकडाउन है। रेलवे ने पैसेंजर ट्रेनों को 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया है। ज़रूरी सामानों की आपूर्ति होती रहे इसलिए माल गाड़ी चलती रहेंगी। अलग-अलग शहरों में मेट्रो सेवाएँ भी बंद की गईं। अंतरराज्यीय बस सेवाएँ भी बंद की गईं। केंद्र सरकार ने अपने अधिकतर कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहा है। दिल्ली, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में भी अधिकतर सरकारी कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहा गया है।
कोरोना वायरस के तेज़ी से फैलने के बीच सरकार बार-बार कह रही है कि इससे घबराने की ज़रूरत नहीं है। कोरोना वायरस से ख़िलाफ़ लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभाने वाले इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर ने भी कहा है कि वायरस से संदिग्ध रूप से संक्रमित 80 फ़ीसदी लोग सर्दी-बुखार के बाद ठीक हो जाएँगे। इसने कहा है कि बाक़ी के 20 फ़ीसदी में इस वायरस के लक्षण ज़्यादा साफ़ दिखाई दे सकते हैं और उनमें से क़रीब 5 फ़ीसदी बीमार लोगों को हॉस्पिटल में भर्ती कराने की ज़रूरत पड़ सकती है।
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