भले ही भारत में अभी कोरोना वायरस के कम्युनिटी ट्रांसमिशन यानी इसके तीसरे चरण में पहुँचने की सरकारी घोषणा नहीं की गई हो, लेकिन आँकड़े और विशेषज्ञ अब इस ओर इशारा करने लगे हैं। यह तीसरा चरण काफ़ी ख़तरनाक होता है और इसमें मामले काफ़ी तेज़ी से बढ़ने लगते हैं। मोटे तौर पर कम्युनिटी ट्रांसमिशन या सामुदायिक संक्रमण का मतलब है कि कोरोना की पुष्टि ऐसे लोगों में होने लगे जो न तो विदेश से लौटा हो और न ही किसी जानकार पॉजिटिव व्यक्ति के संपर्क में आया हो। तीसरे चरण में कई देशों में एक समय ऐसी स्थिति आ जाती है जब कोरोना पॉजिटिव लोगों के संपर्क में आए लोगों को ढूँढना संभव नहीं हो पाता है और दूसरे लोगों में यह वायरस तेज़ी से फैलने लगता है।