ऑटो इंडस्ट्री की मंदी को दूर करने के लिए उन्हें करों में रियायत, लोगों से पैसा लेकर भी घर नहीं दे पाने वाले भवन निर्माताओं को मंदी से उबारने के लिए 25000 करोड़ का पैकेज, बाज़ार में तेजी लाने के लिए कॉर्पोरेट्स टैक्स में बड़े पैमाने पर कटौती जैसे अनेक फ़ैसले हैं जो मोदी सरकार ने बीते एक साल के अंदर किये। लेकिन आज कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण देश के सभी राज्य लॉकडाउन हैं और करोड़ों की संख्या में दिहाड़ी मजदूर बिना काम के बैठे हैं, उनके बारे में अभी तक केंद्र सरकार ने कोई फ़ैसला नहीं लिया है। ये वे लोग हैं जो ‘रोज कमाओ-रोज खाओ’ वाली जिंदगी जीते हैं।