सरकारी वैज्ञानिक डॉक्टर के. विजय राघवन ने कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर को नहीं टाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन का मुकाबला करने के लिए वैक्सीन को अपडेट करने की जरूरत होगी, इसके साथ ही टीकाकरण कार्यक्रम को गति भी देनी होगी।
डॉक्टर राघवन ने कहा कि यह चिंता की बात इसलिए है कि भारत में कोरोना संक्रमण के चलते अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ती जा रही और बड़ी संख्या में लोगों को जान गंवानी पड़ी है। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि कोरोना की यह तीसरी लहर कब आएगी, लेकिन हमें इसे लेकर सचेत रहना होगा।
लॉकडाउन?
दूसरी ओर, कोरोना से निपटने के लिए लॉकडाउन के मुद्दे पर अभी भी सरकार की नीति साफ नहीं है। यह पूछने पर कि क्या राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन केसों की वृद्धि को रोकने का एकमात्र उपाय है, नीति आयोग के सदस्य वी. के. पॉल ने कहा, 'यदि कुछ और करने की जरूरत होती है तो इन विकल्पों के बारे में हमेशा चर्चा होती रहती है। कोराना संक्रमण की चेन को रोकने के लिए राज्यों के लिए पहले ही एक गाइडलाइन जारी की जा चुकी है।'दूसरी लहर ही है उफान पर
कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी ऐसे समय दी जा रही है जब रोज़ाना नए मामलों की संख्या साढे तीन लाख से ऊपर है और यह तादाद बढ़ती ही जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा बुधवार को जारी मंगलवार के 24 घंटे के आँकड़ों के अनुसार 3780 कोरोना संक्रमित लोगों की मौत हुई है। यह एक दिन में अब तक सबसे ज़्यादा है। पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 3 लाख 82 हज़ार 315 मामले सामने आए हैं।
इससे एक दिन पहले एक दिन में 3 लाख 57 हज़ार 229 मामले आए थे और इस दौरान 3449 लोगों की मौत हुई थी। देश में सबसे ज़्यादा मामले एक मई को आए थे। तब 24 घंटे में 4 लाख से ज़्यादा केस आए थे।
अब ताज़ा मामले आने के बाद देश में अब तक कुल संक्रमित होने वालों की संख्या 2 करोड़ 6 लाख 65 हज़ार 148 हो चुकी है। भारत में अब तक 2 लाख 26 हज़ार 188 कोरोना मरीज़ों की मौत हो चुकी है। सक्रिए मामलों की संख्या काफ़ी ज़्यादा हो गई है। देश में फ़िलहाल 34 लाख 87 हज़ार से ज़्यादा सक्रिय मामले हो चुके हैं।
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