पॉप गायिका रियाना के बाद अब हॉलिवुड स्टार सूज़न सैरन्डन और जमीला जलील ने कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ चल रहे किसान आन्दोलन का समर्थन किया है। एक ऑस्कर के अलावा नौ गोल्डन ग्लोब और छह एमी अवॉर्ड पाने वाली सैरन्डन ने ट्वीट किया, "भारत में चल रहे #FarmersProtest के साथ खड़ी हूँ। वे कौन हैं और क्यों विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, यह नीचे पढ़ें।" उन्होंने इसके साथ ही न्यूयॉर्क टाइम्स में छपे एक लेख का लिंक लगाया है।
सैरन्डन अपने ज़माने की सुपर स्टार रही हैं। उन्हें फ़िल्म 'अटलांटिक सिटी' के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का ऑस्कर पुरस्कार 1980 में मिला था। इसके अलावा उन्हें एक बाफ्टा, एक एसएजी, नौ प्राइमटाइम एमी अवॉर्ड और नौ गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड दिए गए हैं।
Standing in solidarity with the #FarmersProtest in India. Read about who they are and why they’re protesting below. https://t.co/yWtEkqQynF
— Susan Sarandon (@SusanSarandon) February 5, 2021
जमीला जलील
सैरन्डन यूनीसेफ़ और फ़ूड एंड एग्रीकल्चरल ऑर्गनाइजेशन की गुडविल एम्बेसडर रह चुकी हैं।
हॉलिवुड स्टार जमीला जलील ने इंस्टाग्राम पोस्ट कर भारत में चल रहे किसान आन्दोलन का समर्थन किया है।
बता दें कि इसके पहले पॉप गायिका रियाना (रिहाना) ने भी किसान आन्दोलन का समर्थन किया था। उन्होंने ट्वीट किया था, 'हम इसकी चर्चा क्यों नहीं कर रहे हैं।' इसके साथ ही उन्होंने किसान आन्दोलन पर सीएनएन की एक ख़बर का लिंक भी लगाया था।
why aren’t we talking about this?! #FarmersProtest https://t.co/obmIlXhK9S
— Rihanna (@rihanna) February 2, 2021
कांग्रेसनल इंडिया कॉकस
पर्यावरण के लिए काम कर रही किशोरी ग्रेटा तनबर्ग (थनबर्ग) ने भी किसान आन्दोलन का समर्थन किया है।
अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रेज़ेन्टेटिव्स में भारत में दिलचस्पी रखने वाले सदस्यों के समूह कांग्रेसनल इंडिया कॉकस ने भी किसान आन्दोलन का समर्थन किया है। उसने भारत सरकार से आग्रह किया है कि वह शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों की अनुमति दे, इंटरनेट कनेक्सन न काटे और लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान करे।
कांग्रेसनल इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष ब्रैड शर्मन ने सह-अध्यक्ष स्टीव चैबट और उप-सभापति रो खन्ना समेत पूरे कॉकस की एक बैठक बुलाई है। इसने यह भी कहा कि अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू से इस मुद्दे पर मुलाक़ात की जाएगी।
शर्मन ने कहा, 'भारत के सभी दोस्त यह उम्मीद करते हैं कि इस मुद्दे पर कोई समझौता हो जाए।'
कांग्रेस के एक दूसरे सदस्य स्टीव कोहेन ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता इसके लोकतंत्र की खूबियों में एक है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि वे इंटरनेट बंद किए जाने और सरकार की ओर से हिंसा किए जाने पर चिंतित हैं।
उन्होंने कहा कि "अमेरिका और भारत छोटे किसानं, विविधता और लोकतंत्र से बने हैं ये इस रास्ते से हट नहीं सकते।"
India is the largest democracy in the world and free speech is one of the finest hallmarks of democracy.
— Steve Cohen (@RepCohen) February 4, 2021
I am closely watching the #FarmersProtests with concern about potential attacks on freedom of speech including cuts to internet service and state-sponsored violence. https://t.co/ShV705DfqS
भारत ने किया था विरोध
बता दें कि तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ हज़ारों किसान दिल्ली की सीमा से सटे उत्तर प्रदेश और हरियाणा के इलाक़ों में दो महीने से अधिक समय से धरने पर बैठे हैं। उनकी मांग इन क़ानूनों को रद्द करने की है, जिसे केंद्र सरकार ने खारिज कर दिया है।
इसके पहले जब रियाना और ग्रेटा ने ट्वीट कर किसान आन्दोलन का समर्थन किया था तो भारत ने औपचारिक रूप से इसका विरोध किया था। विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा था कि मशहूर सख्शियतों को तथ्यों की पड़ताल कर ही कोई बात कहनी चाहिए।
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इंटरव्यू करने वाले फ़िल्म अभिनेता अक्षय कुमार, सुनील शेट्टी, गायिका लता मंगेशकर, मशहूर क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली ने ट्वीट कर कहा था कि यह भारत का आंतरिक मामला है और विदेशी हस्तक्षेप भारत को कमज़ोर करने की कोशिश है। गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा था कि पूरा भारत विकास के लिए एकजुट है।
Farmers constitute an extremely important part of our country. And the efforts being undertaken to resolve their issues are evident. Let’s support an amicable resolution, rather than paying attention to anyone creating differences. 🙏🏻#IndiaTogether #IndiaAgainstPropaganda https://t.co/LgAn6tIwWp
— Akshay Kumar (@akshaykumar) February 3, 2021
उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ीपुर में जहाँ हज़ारों किसान जमा हैं, बीजेपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कई स्तरों का बैरिकेड खड़ा कर दिया है, ब्लेड वाले कंटीले तार लगा दिए हैं, खाई खोद दी है और ज़मीन पर बड़े-बड़े नुकीले रॉड लगा दिए हैं। इन्हें पार करना किसी के लिए भी असंभव तो है ही, वहाँ मौजूद लोगों की सुरक्षा के लिए भी ख़तरनाक है।
लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के अधिकार को जिस तरह कुचला जा रहा है, उससे भारतीय लोकतंत्र पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
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