दुनिया की बड़ी हस्तियों की ओर से किसान आंदोलन को समर्थन मिलने से कुछ लोग बेहद परेशान हैं। जब पर्यावरणविद ग्रेटा तनबर्ग (थनबर्ग) और पॉप स्टार रियाना (रिहाना) ने किसान आंदोलन का समर्थन किया तो ऐसे लोगों ने इसे देश के अंदरुनी मामलों में दख़ल बताया। लेकिन कुछ जगहों पर बेहूदगी की हदें पार कर दी गई हैं।
किसान आंदोलन का समर्थन करने पर ब्रिटिश अदाकारा जमीला जमील को रेप की धमकियां दी गई हैं। जमीला ने इंस्टाग्राम पर इस बारे में बताया है।
‘द गुड प्लेस’ नाम का शो करने वाली जमीला ने कहा है, ‘मैं पिछले कुछ महीनों से लगातार भारत के किसानों को लेकर बोल रही हूं लेकिन हर बार मुझे मौत और रेप की धमकी दी जाती है। मुझे संदेश भेजने वाले एक बात को ध्यान में रखें कि मैं एक इंसान हूं और मेरी भी किसी बात को बर्दाश्त करने की सीमाएं हैं।’
जमीला ने आगे लिखा है कि उनका समर्थन भारत के किसानों के साथ है और इस प्रदर्शन के दौरान हर कोई अपने हक़ के लिए लड़ रहा है। जमीला के इस बात को सामने रखने पर अमेरिकी अदाकारा एंडी मैकडोवेल ने लिखा है कि न जाने लोग उन्हें क्यों धमकियां दे रहे हैं। एंडी लिखती हैं कि जमीला को ऐसे लोगों को ब्लॉक कर देना चाहिए।
किसान आंदोलन को लेकर देखिए वीडियो-
जब ग्रेटा तनबर्ग और पॉप स्टार रियाना ने किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट किया और किसानों के साथ हो रहे सरकारी बर्ताव पर सवाल उठाया तो मोदी सरकार के मंत्रियों से लेकर बीजेपी नेताओं, बॉलीवुड और क्रिकेट जगत की भी कई हस्तियों ने इसे देश के ख़िलाफ़ चलाए जा रहे किसी प्रोपेगेंडा का हिस्सा बताया था और भारत के आंतरिक मामलों में दख़ल बताकर #IndiaTogether और #IndiaAgainstPropaganda हैशटैग के तहत धुआंधार ट्वीट्स किए थे।
इसे लेकर बॉलीवुड के बिहारी बाबू यानी शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा है, ‘यह कैसा अंदरुनी मामला है, जिनके कहने पर ये लोग ट्वीट कर रहे हैं, उन्होंने भी कभी अबकी बार ट्रंप सरकार कहा था। तो क्या इसे दख़लदांजी मानें।’ सिन्हा का साफ इशारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर था।’
ग्रेटा और रियाना के किसान आंदोलन का समर्थन करने को लेकर बिहारी बाबू ने कहा कि धरने पर बैठे किसानों के हक़ में कोई आवाज़ उठा रहा है तो इसमें क्या एतराज होना चाहिए?
कुछ बॉलीवुड हस्तियों की ओर से सरकार की भाषा में ही ट्वीट करने पर सिन्हा ने कहा कि बॉलीवुड और कॉरपोरेट की दुनिया में बहुत सारे लोगों ने डर, दबाव की वजह से अपनी बात कही है लेकिन उन्हें किसानों के समर्थन में भी बोलना चाहिए था। उन्होंने ऐसे लोगों को सरकारी या राग दरबारी बताया है।
वैसे, यह कोई नई बात नहीं है कि मोदी सरकार के ख़िलाफ़ बोलने पर किसी को इस तरह की धमकियां मिली हों। भारत में कई नामचीन महिला पत्रकारों, सरकार के ख़िलाफ़ बोलने वाली महिलाओं को सोशल मीडिया पर इस तरह की धमकियां मिलना आम बात है। सीएए और एनआरसी का विरोध करने पर जामिया की छात्रा सफूरा ज़रगर को बुरी तरह ट्रोल किया गया था और उनके ख़िलाफ़ भद्दी टिप्पणियां की गई थीं।
अपनी राय बतायें