केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए नई एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) को मंजूरी देने के एक दिन बाद, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस कदम पर हमला बोलते हुए कहा कि यूपीएस में 'यू' का मतलब "यू-टर्न" है। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार विभिन्न मुद्दों पर अब तक कई बार यू-टर्न ले चुकी है।
उन्होंने मोदी सरकार के तमाम यूटर्न गिनाते हुए कहा: “लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन/इंडेक्सेशन के संबंध में बजट में रोलबैक। वक्फ बिल जेपीसी को भेजा गया है। ब्रॉडकास्ट बिल को वापस लिया। लेटरल एंट्री का रोलबैक। हम जवाबदेही सुनिश्चित करते रहेंगे और 140 करोड़ भारतीयों को इस निरंकुश सरकार से बचाएंगे!”
कांग्रेस की इस प्रतिक्रिया से यह पता नहीं चल रहा है कि उसने नई पेंशन स्कीम का स्वागत किया है या विरोध। कांग्रेस दरअसल, सरकारी कर्मचारियों के संगठनों की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रही है, उसके बाद ही वो इस पर कुछ कहेगी। हालांकि कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) की बहाली की मांग की है और कई राज्यों में आंदोलन भी किया है। कर्मचारी संगठनों ने एनपीएस को भी ठुकरा दिया था। यूपीएस पर कर्मचारी संगठनों की राय का सरकार और विपक्ष दोनों ही इंतजार कर रहे हैं।
नई पेंशन स्कीम यूपीएस क्या है
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार शाम को यूपीएस के बारे में कैबिनेट के फैसले की जानकारी दी थी। उन्होंने बताया कि नई पेंशन योजना में न्यूनतम 10 साल की सेवा के बाद रिटायरमेंट पर 10,000 रुपये प्रति माह की सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन की गारंटी दी गई है। उन्होंने कहा कि इस विकल्प योजना से केंद्र सरकार के 23 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा। कर्मचारी अपने वेतन से जो दस फीसदी पेंशन राशि कटवाते थे, वो उसी तरह जारी रहेगा। 1 अप्रैल, 2025 से लागू होने वाले यूपीएस का लाभ उन कर्मचारियों को मिलेगा, जिन्होंने सरकार में 25 साल की सर्विस पूरी कर ली है। योजना की अन्य प्रमुख विशेषताओं में मृत्यु के बाद कर्मचारी की पेंशन आय के 60 प्रतिशत के बराबर जीवनसाथी को पारिवारिक पेंशन, न्यूनतम 10 साल की सेवा पूरी करने वालों के लिए 10,000 रुपये की न्यूनतम पेंशन मिलेगी।वस्तुओं और सेवाओं की कीमत में वृद्धि, और रिटायरमेंट पर एकमुश्त राशि निकालने की सुविधा मिलेगी।
नेशनल पेंशन योजना (एनपीएस) के मुकाबले यूपीएस में कई सुविधाएं अलग हैं। एनपीएस में कर्मचारियों और सरकार द्वारा किए गए योगदान के आधार पर पेंशन का वादा किया गया था। केंद्र सरकार की यह घोषणा कई गैर-भाजपा राज्यों द्वारा डीए-लिंक्ड पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) पर वापस लौटने के फैसले और कुछ अन्य राज्यों में कर्मचारी संगठनों द्वारा इसके लिए आंदोलन करने के बीच आई है।
1 जनवरी, 2004 के बाद, एनपीएस केंद्र सरकार में शामिल होने वाले सशस्त्र बलों के कर्मचारियों को छोड़कर सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू किया गया है। जबकि पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के अनुसार, रिटायर्ड सरकारी कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत मासिक पेंशन के रूप में मिलता था और डीए दरों में वृद्धि के साथ राशि बढ़ जाती थी।
अपनी राय बतायें