केंद्र सरकार ने बुधवार को यूनीफाइड पेंशन स्कीम पर ट्रेड यूनियन नेताओं की बैठक बुलाई है। लेकिन इसमें कांग्रेस समर्थित इंटक को नहीं बुलाया गया है। अन्य ट्रेड यूनियनों ने केंद्र सरकार के इस बर्ताव की कड़ी आलोचना की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सरकारी कर्मचारियों के लिए एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) लाना उन पर राहुल गांधी के बढ़ते प्रभाव का स्पष्ट प्रतिबिंब है। लेकिन क्या राहुल के विचारों की नकल से मोदी को कोई राजनीतिक लाभ मिल सकता है या यह उनके लिए हानिकारक साबित हो सकता है?
ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एआईटीयूसी) और सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीआईटीयू) जैसे केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने सरकार की एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) को सिरे से खारिज कर दिया है और सरकार से पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को बहाल करने का आग्रह किया है। आरएसएस-संबद्ध भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने कहा कि पूरा विवरण सामने आने के बाद बीएमएस अपनी भविष्य की कार्रवाई पर फैसला करेगा।
केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए नई एकीकृत पेंशन योजना यूपीएस मंजूर की है। इसे अगले साल 1 अप्रैल से लागू किया जाएगा। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने बताया कि यूपीएस में यू का क्या मतलब है।
केंद्रीय कैबिनेट ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एकीकृत पेंशन योजना शुरू करने की घोषणा की है, जो रिटायरमेंट के बाद सभी सरकारी कर्मचारियों को निश्चित पेंशन देगी। यह योजना पहले से लागू एनपीएस से किस तरह अलग है, जानिएः
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एकीकृत पेंशन योजना के तहत केंद्रीय कर्मचारियों के लिए पेंशन के रूप में वेतन का 50 फीसदी हिस्सा इसके लिए सुनिश्चित करने को कहा है। यह पेंशन उसी केंद्रीय कर्मचारी को मिलेगी, जिसने सेवा के 25 वर्ष पूरे कर लिए हों। योजना 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी।