मोदी सरकार ने शनिवार को एकीकृत पेंशन योजना के तहत सरकारी कर्मचारियों के लिए उनके वेतन का 50 प्रतिशत हिस्सा सुनिश्चित पेंशन के लिए मंजूरी दे दी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, ''सरकारी कर्मचारियों ने नई पेंशन योजनाओं में कुछ बदलाव की मांग की है। इसके लिए पीएम मोदी ने कैबिनेट सचिव टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया। इस समिति ने विभिन्न संगठनों और लगभग सभी के साथ 100 से अधिक बैठकें कीं थीं।"
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री पीएम मोदी के कसीदे पढ़ना नहीं भूले। अश्विनी वैष्णव ने कहा- "पीएम मोदी कैसे काम करते हैं और विपक्ष कैसे काम करता है, इसमें अंतर है। विपक्ष के विपरीत, पीएम मोदी व्यापक विचार-विमर्श करने में विश्वास करते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक और विश्व बैंक सहित सभी के साथ विस्तार परामर्श के बाद, समिति ने एक एकीकृत पेंशन योजना की सिफारिश की है। आज (शनिवार) केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस एकीकृत पेंशन योजना को मंजूरी दे दी है, और इसे भविष्य में लागू किया जाएगा।”
मंत्री ने कहा- “50% सुनिश्चित पेंशन योजना का पहला स्तंभ है...दूसरा स्तंभ सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन होगा...केंद्र सरकार के लगभग 23 लाख कर्मचारियों को एकीकृत पेंशन योजना (Unified Pension Scheme यूपीएस) से लाभ होगा...कर्मचारियों के लिए एनपीएस और यूपीएस के बीच चयन करने का एक विकल्प होगा।”
योजना के प्रावधानों के बारे में बताते हुए मंत्री वैष्णव ने बताया, ''एकीकृत पेंशन योजना के पांच स्तंभ हैं। सरकारी कर्मचारी एक सुनिश्चित राशि चाहते थे, जो एक तार्किक आवश्यकता थी। इस प्रकार, 50 प्रतिशत सुनिश्चित पेंशन यूपीएस का पहला स्तंभ है। यह राशि रिटायर होने से पहले 12 महीने के मूल वेतन का औसत होगा। यदि किसी ने 25 वर्षों तक काम किया है, तो उस व्यक्ति को यह सुनिश्चित पेंशन राशि मिलेगी।
सरकारी कर्मचारियों के लिए नई एकीकृत पेंशन योजना 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी। सरकार का दावा है कि इससे 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा होगा।
हालांकि सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को लागू करने की मांग कर रहे थे। कई राज्यों में प्रदर्शन भी हुए। लेकिन सरकार ने ओपीएस को लागू करने से मना कर दिया था। ओपीएस एक परिभाषित लाभ योजना है जो वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर समायोजन के साथ जीवन भर पेंशन के रूप में प्राप्त अंतिम वेतन के आधे हिस्से की गारंटी देती है।
इसके विपरीत, एनपीएस एक परिभाषित योगदान योजना है जहां सरकारी कर्मचारी अपने मूल वेतन का 10% योगदान करते हैं।
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