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एग्ज़िट पोल वाले 'सबसे बड़े शेयर बाजार घोटाले' की जेपीसी जांच हो: राहुल

राहुल गांधी ने शेयर बाज़ार में बड़े घोटाले का आरोप लगाया है। उन्होंने इसकी जेपीसी जाँच की मांग की है। उन्होंने कहा कि शेयर बाज़ार पर प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के बयान व एग्ज़िट पोल और फिर नतीजे के बीच एक क्रोनोलॉजी है। उन्होंने इसके लिए गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। यह लोकसभा चुनाव नतीजे आने के बाद राहुल की ऐसी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस थी। बीजेपी ने राहुल के इन आरोपों को खारिज कर दिया है। कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी ने कहा है कि राहुल गांधी निवेशकों को गुमराह करने की साज़िश रच रहे हैं। 

राहुल गांधी ने एग्जिट पोल के नतीजों की घोषणा के समय शेयर बाजार में तेजी और गिरावट की जेपीसी यानी संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग की। राहुल ने पूछा, 'प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने 5 करोड़ परिवारों को निवेश की सलाह क्यों दी? भाजपा, फर्जी पोल करने वालों और संदिग्ध विदेशी निवेशकों के बीच क्या संबंध है, जिन्होंने एग्जिट पोल की घोषणा से एक दिन पहले निवेश किया और 5 करोड़ परिवारों की कीमत पर भारी मुनाफा कमाया?'

प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने पूछा कि क्या किसी ने 30, 31 मई को शेयर बाजार में हेराफेरी की? राहुल गांधी ने 30 और 31 मई (एग्जिट पोल के दिन) को शेयर बाजार में हुए लेन-देन पर सवाल उठाए। 

  • प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने 5 करोड़ परिवारों को निवेश की सलाह क्यों दी? क्या निवेश की सलाह देना उनका काम है? 
  • ये इंटरव्यू उसी मीडिया हाउस को क्यों दिए गए, जिसका मालिकाना हक उसी बिजनेस ग्रुप के पास है, जिस पर शेयर बाजार में हेराफेरी करने के लिए सेबी की जांच भी चल रही है? 
  • बीजेपी, फर्जी पोल करने वालों और संदिग्ध विदेशी निवेशकों के बीच क्या संबंध है, जिन्होंने एग्जिट पोल घोषित होने से एक दिन पहले निवेश किया और 5 करोड़ परिवारों की कीमत पर भारी मुनाफा कमाया? 
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राहुल गांधी ने कहा, 'पहली बार हमने देखा कि चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री और वित्तमंत्री ने शेयर बाजार पर टिप्पणी की।'

उन्होंने कहा, 'पीएम मोदी ने कहा कि शेयर बाजार बहुत तेजी से बढ़ रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 4 जून को शेयर बाजार में तेजी होगी और आप सभी को निवेश करना चाहिए। वित्त मंत्री ने भी इसी तरह का दावा किया। अमित शाह ने कहा कि 4 जून से पहले शेयर खरीद लें। 19 मई को पीएम मोदी ने कहा कि 4 जून को शेयर बाजार रिकॉर्ड तोड़ देगा।'

राहुल गांधी के आरोप ऐसे समय में आए हैं जब कुछ दिन पहले ही इक्विटी निवेशकों को 30 लाख करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ था। 

बीएसई सेंसेक्स में करीब 6 फीसदी की गिरावट आई थी। मतगणना के रुझानों से पता चला था कि भाजपा को लोकसभा चुनावों में पूर्ण बहुमत नहीं मिल रहा है।

राहुल गांधी ने क्रोनोलॉजी समझाई

  • 13 मई: अमित शाह ने लोगों से 4 जून से पहले शेयर खरीदने को कहा
  • 19 मई: पीएम मोदी ने कहा '4 जून को शेयर बाजार रिकॉर्ड तोड़ देगा'
  • 1 जून: मतदान का आखिरी चरण, जिसके बाद मीडिया ने एग्जिट पोल जारी किए
  • 3 जून: शेयर बाजार ने रिकॉर्ड तोड़ दिया और अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया
  • 4 जून: शेयर बाजार में सबसे बड़ी गिरावट। निवेशकों, खासकर छोटे निवेशकों को 30 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

राहुल ने आगे कहा कि भाजपा के आंतरिक आधिकारिक सर्वेक्षण में उनके लिए 220 सीटों का अनुमान लगाया गया था। उन्होंने दावा किया, 'खुफिया एजेंसियों ने सरकार को बताया था कि उन्हें 200-220 सीटें मिलेंगी। शेयर बाजार 3 जून को सारे रिकॉर्ड तोड़ देता है और 4 जून को बाजार गर्त में चला जाता है।'
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संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस नेता ने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह दोनों ने एक समाचार चैनल को साक्षात्कार क्यों दिया, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि इसका स्वामित्व उसी व्यापारिक समूह के पास है जो शेयरों में हेरफेर करने के लिए सेबी की जांच के दायरे में है।

बीजेपी की सफाई

कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी ने कहा है कि राहुल गांधी निवेशकों को गुमराह करने की साज़िश रच रहे हैं। भाजपा नेता पीयूष गोयल ने कहा, 'राहुल गांधी अभी भी लोकसभा चुनाव में हार से उबर नहीं पाए हैं। अब वह बाजार के निवेशकों को गुमराह करने की साजिश कर रहे हैं। आज भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है।'

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क़मर वहीद नक़वी
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